फोर्ड के चेयरमैन Bill Ford ने रतन टाटा को किया याद, बोले- 'एक दूरदर्शी और बेहद ईमानदार नेता थे'

Edited By Parminder Kaur,Updated: 14 Oct, 2024 10:05 AM

ford chairman bill ford remembers ratan tata after his demise

देश के प्रमुख उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है और कई उद्योगपतियों के साथ-साथ नेताओं ने भी उन्हें याद किया है। अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड के चेयरमैन Bill...

ऑटो डेस्क. देश के प्रमुख उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है और कई उद्योगपतियों के साथ-साथ नेताओं ने भी उन्हें याद किया है। अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड के चेयरमैन Bill Ford ने भी रतन टाटा को याद किया। दोनों के बीच सालों पहले हुई मुलाकात और JLR के अधिग्रहण पर बात की है। 

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फोर्ड ग्रुप के चेयरमैन Bill Ford ने कहा कि रतन टाटा एक दूरदर्शी और बेहद ईमानदार नेता थे। इसके अलावा वह जगुआर और लैंड रोवर के लिए बेहतरीन प्रबंधक भी साबित हुए। टाटा की विरासत भविष्‍य में कई पीढि़यों के उद्योगपतियों और नेताओं को प्रेरित करती रहेगी। वह रतन टाटा से सिर्फ एक ही बार मिले थे। दोनों उद्योगपतियों के बीच हुई मुलाकात को Bill Ford ने गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण बताया। मुलाकात के दौरान पारिवारिक व्‍यवसाय को चलाने के साथ ही कारों के प्रति दोनों के प्रेम पर चर्चा हुई थी।

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    रतन टाटा और अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड के बीच 1999 में अमेरिका में हुई मुलाकात के बाद कई अफवाहें फैली थीं। उन अफवाहों में यह कहा गया था कि टाटा ग्रुप के सीनियर अधिकारियों ने बैठक के दौरान अपमानित महसूस किया था, जिस पर Bill Ford ने कहा कि कुछ बातें सत्‍य से बहुत दूर हो सकती हैं। खास बात यह है कि इससे पहले कभी भी रतन टाटा और बिल फोर्ड की ओर से किसी तरह का भी बयान सामने नहीं आया था। 

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    बता दें साल 2008 में अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड के पास जगुआर और लैंड रोवर (JLR) का स्वामित्व था। लेकिन उस समय टाटा मोटर्स ने 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नकद भुगतान कर JLR को खरीदा। यह महत्वपूर्ण सौदा बिल फोर्ड और रतन टाटा की मुलाकात के नौ साल बाद हुआ था। 2008 की आर्थिक मंदी के चलते JLR दिवालिया होने की कगार पर था। ऐसे कठिन समय में टाटा मोटर्स ने इसे खरीदकर एक नया रास्ता दिखाया। टाटा के नेतृत्व में JLR ने फिर से अपने पैरों पर खड़ा होना शुरू किया और कई बेहतरीन कारें और एसयूवी बाजार में पेश कीं।

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