Edited By Mahima,Updated: 06 Feb, 2025 03:12 PM
![foreign minister told in parliament indians have been deported since 2009](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_14_41_251274676jaishankar-ll.jpg)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि अमेरिका से भारतीय नागरिकों का डिपोर्टेशन कोई नया मामला नहीं है, यह प्रक्रिया 2009 से लगातार हो रही है। उन्होंने 2009 से 2024 तक के आंकड़े प्रस्तुत किए और बताया कि यह प्रक्रिया 2012 से नियमित रूप से लागू है।...
नेशनल डेस्क: भारत के विदेश मंत्री, एस जयशंकर ने संसद में यह स्पष्ट किया कि अमेरिका से भारतीय नागरिकों का डिपोर्टेशन कोई ताजगी वाला मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 2009 से लगातार जारी है और 2012 से इसे नियमित रूप से लागू किया गया है। जयशंकर ने यह भी बताया कि अवैध प्रवासियों को अमेरिका से वापस भेजने का यह कदम अमेरिकी कानूनों और नियमों के तहत किया जाता है, जिसमें भारत सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।
अमेरिका के कानूनों के तहत अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाता है
जयशंकर ने बताया कि अमेरिकी सरकार हर साल अवैध तरीके से वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट करती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है और इसमें भारत सरकार का कोई दबाव या हस्तक्षेप नहीं होता। विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए वहां की इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसी (ICE) द्वारा नियमों का पालन किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की संधि का जिक्र
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की संधि का उल्लेख किया, जो अवैध प्रवासन को रोकने और कानूनी प्रवासन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य उन प्रवासियों को बेहतर और सुरक्षित स्थितियों में उनके घर लौटने का अवसर देना है। इसके जरिए अवैध प्रवासियों के खिलाफ अमानवीय परिस्थितियों को रोकने की कोशिश की जाती है।
2009 से अब तक के डिपोर्टेशन के आंकड़े
विदेश मंत्री ने 2009 से लेकर 2024 तक के आंकड़े साझा किए, जो यह बताते हैं कि हर साल भारत से अवैध प्रवासी होने के कारण कई भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया जाता है। जयशंकर ने कहा कि इस प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आया है और यह कई वर्षों से चल रही है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2009 में 734 भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया था, 2010 में 799, 2011 में 597, 2012 में 530, और इसी तरह से 2024 में 1368 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया। यह आंकड़ा दिखाता है कि हर साल भारत से अवैध प्रवासी होने के कारण हजारों भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। हालांकि, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत सरकार द्वारा इन नागरिकों को उनकी मातृभूमि में सम्मानपूर्वक वापस लाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाती हैं।
अमेरिका के साथ निरंतर संवाद
जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रहती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भारतीय नागरिक के साथ कोई गलत व्यवहार या अमानवीय बर्ताव न हो। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से वापसी हो और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए।
अवैध प्रवास से संबंधित मुद्दों का समाधान
विदेश मंत्री ने यह स्वीकार किया कि अवैध प्रवास से संबंधित मुद्दे हर देश के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने का मुख्य उद्देश्य उन्हें बेहतर परिस्थितियों में घर लौटने का अवसर देना है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना कि किसी भी नागरिक के साथ अमानवीय या अन्यायपूर्ण व्यवहार न हो, भारत और अमेरिका के बीच निरंतर संवाद और सहयोग की आवश्यकता है।
डिपोर्टेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता
जयशंकर ने यह भी कहा कि अमेरिका से अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। भारतीय नागरिकों के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा डिपोर्टेशन की यह प्रक्रिया मानवीय तरीके से की जाती है और भारत सरकार इसे सुनिश्चित करने के लिए लगातार अमेरिका से संपर्क बनाए रखती है। विदेश मंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है, बल्कि कई वर्षों से लागू है और यह अमेरिकी कानूनों के तहत पूरी तरह से चल रही है।
अमेरिका और भारत का सहयोग
विदेश मंत्री ने अवैध प्रवासन से निपटने के लिए अमेरिका और भारत के बीच बेहतर सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग बढ़े, ताकि नागरिकों के अधिकारों का पालन किया जा सके और अवैध प्रवासन को हतोत्साहित किया जा सके।
2009 से 2024 तक डिपोर्ट हुए भारतीय नागरिकों की संख्या:
- 2009: 734
- 2010: 799
- 2011: 597
- 2012: 530
- 2013: 515
- 2014: 591
- 2015: 708
- 2016: 1303
- 2017: 1024
- 2018: 1180
- 2019: 2042
- 2020: 1889
- 2021: 805
- 2022: 862
- 2023: 617
- 2024: 1368