Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Aug, 2022 08:33 PM
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह लम्बे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती करता रहा है और आगे भी ‘अग्निपथ योजना' के तहत उनकी भर्ती जारी रखने को आशान्वित है।
नेशनल डेस्क: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह लम्बे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती करता रहा है और आगे भी ‘अग्निपथ योजना' के तहत उनकी भर्ती जारी रखने को आशान्वित है। भारतीय सेना में नेपाली गोरखों की भर्ती भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच हुई त्रिपक्षीय संधि के तहत होती है और अब तक नेपाली गोरखा भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं ।14 जून 2022 को भारत सरकार ने ‘अग्निपथ' योजना की घोषणा की थी और अब इसके तहत ही भर्ती होनी है। समझा जाता है कि इसको लेकर नेपाल सरकार असमंजस में है।
भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट की बटालियन है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम काफी लम्बे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती करते रहे हैं । हम आगे भी गोरखा सैनिकों की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती करने को लेकर आशान्वित हैं। '' ज्ञात हो कि 14 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए 'अग्निपथ' योजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत चार साल के लिए अग्निवीर नामांकित किए जाएंगे। चार साल की कार्यावधि पूरी होने पर अग्निवीरों को एकमुश्त 'सेवा निधि' पैकेज का भुगतान किया जाएगा।
इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही भारतीय सेना में नियमित किया जायेगा। ‘काठमांडू पोस्ट' की खबर के अनुसार, नयी दिल्ली ने इस विषय पर नेपाल सरकार से उसका रुख पूछा है। वहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उनके पास इस बारे में साझा करने के लिये कोई ब्यौरा नहीं है। म्यामांर के रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में अपनी बात रख दी है।