Edited By Parminder Kaur,Updated: 06 Apr, 2025 03:01 PM
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति को प्यासे जानवरों को पानी पिलाने पर सस्पेंड कर दिया गया। यह शख्स सत्यनारायण गुर्जर है, जो मध्य प्रदेश वन विभाग में ड्राइवर के रूप में कार्यरत हैं। वर्तमान में वह...
नेशनल डेस्क. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति को प्यासे जानवरों को पानी पिलाने पर सस्पेंड कर दिया गया। यह शख्स सत्यनारायण गुर्जर है, जो मध्य प्रदेश वन विभाग में ड्राइवर के रूप में कार्यरत हैं। वर्तमान में वह कूनो नेशनल पार्क में काम कर रहे हैं।
सत्यनारायण गुर्जर अपनी ड्यूटी के दौरान एक पेड़ के नीचे पांच चीतों को प्यासे बैठे हुए देखे। उन्होंने देखा कि चीतों के पास पानी नहीं था, तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उन्हें पानी पिला दिया। इस दौरान उनका एक सहयोगी ने इसका वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पांच चीतों का परिवार पेड़ की छांव में आराम कर रहा था और सत्यनारायण गुर्जर पानी की जरीकैन लेकर उनके पास पहुंचे। गुर्जर कुछ दूरी पर रुककर चीतों के लिए एक स्टील की प्लेट में पानी डालते हैं। इसके बाद चीते उठते हैं और प्लेट से पानी पीते हैं। इस दृश्य को देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए, लेकिन इसके बाद वन विभाग ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए सत्यनारायण को सस्पेंड कर दिया।

वन विभाग ने क्यों लिया यह कदम?
वन विभाग का कहना है कि चीतों को पानी पिलाने की यह घटना नियमों के खिलाफ थी। डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर ने सत्यनारायण गुर्जर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है।
वीडियो की वायरल होने की घटना
सोशल मीडिया पर लगभग 40 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ था, जो मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो नेशनल पार्क में शूट किया गया था। वीडियो में देखा गया कि चीतों के पास जाकर सत्यनारायण गुर्जर उन्हें पानी पिला रहे थे और इस बीच कुछ लोग "आओ, आओ" कहते हुए दिखाई दिए।
चीता परियोजना के निदेशक का बयान
जब चीता परियोजना के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा से इस वायरल वीडियो के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 17 चीते हैं, जिनमें 11 शावक शामिल हैं। यह सभी चीते पार्क के जंगलों में घूम रहे हैं, जबकि 9 चीते बाड़ों में रहते हैं।