Edited By Parminder Kaur,Updated: 19 Aug, 2024 05:13 PM
पूर्व सेना प्रमुख जनरल सुंदरराजन पद्मनाभन का 83 की उम्र में चेन्नई में निधन हो गया। जनरल पद्मनाभन को सैन्य हलकों में प्यार से 'पैडी' के नाम से जाना जाता था। उन्होंने 30 सितंबर 2000 से 31 दिसंबर 2002 तक थल सेनाध्यक्ष के रूप में सेवाएं दी थीं। उनके...
नेशनल डेस्क. पूर्व सेना प्रमुख जनरल सुंदरराजन पद्मनाभन का 83 की उम्र में चेन्नई में निधन हो गया। जनरल पद्मनाभन को सैन्य हलकों में प्यार से 'पैडी' के नाम से जाना जाता था। उन्होंने 30 सितंबर 2000 से 31 दिसंबर 2002 तक थल सेनाध्यक्ष के रूप में सेवाएं दी थीं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटी और एक बेटा हैं। उनका बेटा अमेरिका से आज रात तक वापस आ जाएगा। जनरल पद्मनाभन का अंतिम संस्कार मंगलवार शाम को होगा।
जनरल पद्मनाभन को 15 कोर कमांडर के रूप में उनकी सेवाओं के लिए अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया था। वे 1940 में केरल के तिरुवनंतपुरम में जन्मे थे और देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी) तथा पुणे के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र थे। उन्होंने दिसंबर 1959 में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुए।
जनरल पद्मनाभन ने वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) से 1973 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अगस्त 1975 से जुलाई 1976 तक एक स्वतंत्र लाइट बैटरी की कमान संभाली और सितंबर 1977 से मार्च 1980 तक गजाला माउंटेन रेजिमेंट का नेतृत्व किया।
जनरल पद्मनाभन ने सितंबर 1992 से जून 1993 तक 3 कोर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया और लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में जुलाई 1993 से फरवरी 1995 तक कश्मीर घाटी में 15 कोर के कमांडर रहे। उनके कार्यकाल के दौरान सेना ने कश्मीर में आतंकवादियों पर महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की।
जनरल पद्मनाभन ने 43 वर्षों की विशिष्ट सेवा के बाद 31 दिसंबर 2002 को सेवानिवृत्त हुए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जनरल पद्मनाभन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा के प्रति अनुकरणीय नेतृत्व और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा।