Jharkhand में चुनाव से पहले JMM को बड़ा झटका, BJP में शामिल होंगे पूर्व सीएम चंपई सोरेन

Edited By Yaspal,Updated: 27 Aug, 2024 06:01 AM

former cm champai soren will join bjp

झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM को बड़ा झटका लगा है। JMM नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन BJP में शामिल होंगे।

नई दिल्लीः झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM को बड़ा झटका लगा है। JMM नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन BJP में शामिल होंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा सरमा ने सोशल मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी दी। हिमंत ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा,“झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के प्रतिष्ठित आदिवासी नेता चंपई सोरेन जी ने कुछ समय पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की। वे आधिकारिक तौर पर 30 अगस्त को रांची में BJP में शामिल होंगे।

इससे पहले चंपई सोरेन सोमवार को नई दिल्ली के दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद तय हुआ कि चंपई सोरेन 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे। चंपई सोरेन के साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा सरमा भी थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिमंत बिश्वा सरमा झारखंड में बीजेपी को चुनाव सह प्रभारी हैं। बीजेपी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड का चुनाव प्रभारी बनाया है। झारखंड में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।

वैकल्पिक राह तलाशने पर मजबूर
गौरतलब है कि चंपई सोरेन ने 18 अगस्त को कहा था कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने ‘‘अत्यधिक अपमान'' झेला जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद उनका यह बयान आया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में उन्हें बताए बगैर पार्टी नेतृत्व ने अचानक उनके सारी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। चंपई सोरेन ने कहा, “पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है और मुझसे कहा गया कि तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।” उन्होंने सवाल किया, “क्या लोकतंत्र में इससे अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे?”

चंपई सोरेन ने दावा किया था, “कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था।” उन्होंने लिखा कि भावुक होकर वह आंसुओं को संभालने में लगे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन उन्हें (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिए बिना उनका हवाला देते हुए) सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिसके लिए हमने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।'' उन्होंने कहा कि इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र वह फिलहाल नहीं करना चाहते हैं।

चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।'' चंपई सोरेन ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत लड़ाई है और वह नहीं चाहते हैं कि कोई अन्य पार्टी सदस्य इसमें शामिल हो या संगठन को कोई नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के बारे में कभी नहीं सोच सकता जिसे हमने अपने खून-पसीने से सींचा है। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बना दी गई हैं कि...'' पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह सक्रिय होते तो चीजें अलग होतीं।''

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