Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 15 Mar, 2025 04:12 PM

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 18वां सीजन 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है। पहला मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला जाएगा। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने एक बार फिर आईपीएल के बहिष्कार की मांग उठाई है।
खेल डेस्क: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 18वां सीजन 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है। पहला मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला जाएगा। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने एक बार फिर आईपीएल के बहिष्कार की मांग उठाई है। उनका कहना है कि जैसे बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता, वैसे ही अन्य बोर्ड्स को भी अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में नहीं भेजना चाहिए।
इंजमाम का विवादित बयान
इंजमाम ने कहा, ‘आइए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को एक तरफ रख दें। सभी बड़े खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग में भाग लेते हैं, लेकिन भारतीय खिलाड़ी अन्य लीगों में नहीं खेलते हैं। सभी बोर्ड को एकजुट होकर अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में भेजना बंद कर देना चाहिए।’
बीसीसीआई का रुख अलग
फिलहाल, बीसीसीआई अपने अनुबंधित खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग में खेलने की इजाजत नहीं देता। केवल रिटायर्ड भारतीय क्रिकेटर्स को ही अन्य देशों की लीग में खेलने की अनुमति दी जाती है।
आईपीएल का दबदबा और पाकिस्तान की नाराजगी
आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग है और इसका आर्थिक प्रभाव अन्य लीग्स से कहीं ज्यादा है। पाकिस्तान के खिलाड़ी इस लीग में हिस्सा नहीं ले सकते, जिससे अक्सर वहां के पूर्व खिलाड़ी नाराजगी जताते हैं। इंजमाम से पहले भी शाहिद अफरीदी, शोएब अख्तर और राशिद लतीफ जैसे पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने आईपीएल को लेकर बयानबाजी की है।
क्या बोर्ड्स लेंगे कोई फैसला?
इंजमाम के बयान से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या अन्य बोर्ड वाकई अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में भेजने पर रोक लगाएंगे? हालांकि, हकीकत यह है कि आईपीएल खिलाड़ियों के करियर और कमाई के लिए सबसे बड़ा मंच है। ऐसे में किसी भी बड़े क्रिकेट बोर्ड के लिए इस फैसले पर अमल करना आसान नहीं होगा।