Edited By Parminder Kaur,Updated: 28 Oct, 2024 05:30 PM
कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुट्टस्वामी का सोमवार को बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनकी उम्र 98 वर्ष थी। न्यायमूर्ति के एस पुट्टस्वामी ने 2017 में उच्चतम न्यायालय में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित कराने में...
नेशनल डेस्क. कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुट्टस्वामी का सोमवार को बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनकी उम्र 98 वर्ष थी। न्यायमूर्ति के एस पुट्टस्वामी ने 2017 में उच्चतम न्यायालय में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे मुख्य याचिकाकर्ता थे, जिन्होंने 2012 में आधार योजना को निजता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए इसकी संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। बाद में आधार योजना को विधायी स्वीकृति मिली।
ऐतिहासिक निर्णय
अगस्त 2017 में नौ न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) के तहत एक मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति पुट्टस्वामी के इस फैसले ने निजता को मानवीय गरिमा का संवैधानिक मूल बताया था।
शिक्षा और करियर
न्यायमूर्ति पुट्टस्वामी का जन्म 8 फरवरी, 1926 को हुआ। उन्होंने मैसूर के महाराजा कॉलेज से पढ़ाई की और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बेंगलुरु से कानून की डिग्री प्राप्त की। जनवरी 1952 में उन्होंने वकील के रूप में पंजीकरण कराया और 28 नवंबर, 1977 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।