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पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने याद की भारत की दरियादिली, कहा- "हमने धोखा दिया, फिर भी भारत ने गले लगाया"

Edited By Mahima,Updated: 22 Mar, 2025 11:12 AM

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पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ धोखा किया और कारगिल युद्ध भी शुरू किया, लेकिन इसके बावजूद भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को सुधारने की...

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर गहरी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत के साथ धोखा किया, विशेष रूप से कारगिल युद्ध के दौरान, लेकिन इसके बावजूद भारत ने हमेशा पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को सुधारने की कोशिश की और उसे गले लगाया। कसूरी ने यह बात पाकिस्तान-भारत संबंधों पर लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कही, जिसका आयोजन इंस्टीट्यूट ऑफ पीस एंड कनेक्टिविटी (IPAC) ने किया था। 

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आजकल भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी खराब दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन यह उम्मीद जताई कि भविष्य में दोनों देशों के बीच एक सकारात्मक बदलाव आ सकता है। कसूरी का मानना है कि बातचीत और आपसी समझ से ही दोनों देशों के बीच चल रहे विवादों का समाधान हो सकता है, और यह एकमात्र तरीका है जिससे इन दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो सकता है।कसूरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के बाद भी जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव था, तब भारत और पाकिस्तान ने शांति प्रक्रिया को बहाल करने के लिए बातचीत शुरू की थी। उनका कहना था कि यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो दिखाता है कि युद्ध और संघर्ष के बाद भी बातचीत से संबंधों में सुधार संभव है। 

कसूरी ने आगे कहा, "अगर दोनों देश आपसी विवादों को शांति और समझदारी से सुलझाने का मौका चूक जाते हैं, तो यह एक दुखद घटना होगी।" उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान और भारत के बीच कश्मीर जैसे विवादों को हल करने के लिए पहले से ही एक चार सूत्रीय फॉर्मूला मौजूद है, जिस पर दोनों देशों की सहमति बन चुकी थी। यह एक संकेत है कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे का समाधान संभव है, अगर दोनों पक्ष इस पर गंभीरता से काम करें।

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेताओं के नेतृत्व में भारत ने शांति प्रयासों को महत्व दिया और पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को सुधारने की कोशिश की। उनका कहना था कि "भारत की जनता पाकिस्तान के साथ शांति चाहती है," और इस स्थिति में बदलाव संभव है। कसूरी ने यह भी याद दिलाया कि कारगिल युद्ध के समय के सूत्रधार, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, को दिल्ली में गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। यह उदाहरण दर्शाता है कि पाकिस्तान-भारत रिश्तों में कठिनाइयों के बावजूद सुधार संभव है।

इसके अलावा, उन्होंने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान की यात्रा का उल्लेख किया, जब प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और सभी को चौंका दिया। यह दौरा दिखाता है कि दोनों देशों के नेताओं के बीच कभी-कभी अप्रत्याशित शांति प्रयास हो सकते हैं। कसूरी ने यह भी कहा कि अप्रैल 2021 में प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान दौरे की संभावना थी, जिसमें वह हिंगलाज माता मंदिर के दर्शन करने और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए मुलाकात करने वाले थे।

हालांकि, कोरोना महामारी के कारण यह यात्रा स्थगित हो गई, लेकिन कसूरी का मानना है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं हो सकती हैं जो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार का रास्ता खोल सकती हैं। कसूरी ने अंत में कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच विवादों का समाधान केवल बातचीत के माध्यम से संभव है और दोनों देशों को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।

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