Edited By Mahima,Updated: 17 Dec, 2024 09:52 AM
प्रियंका गांधी ने संसद में "फिलिस्तीन" लिखा बैग लेकर फिलिस्तीनी एकता का समर्थन किया, जिसे पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने सराहा और तुष्टीकरण के आरोपों का सामना कर रही बीजेपी ने आलोचना की। प्रियंका गांधी का यह कदम गाजा में इजरायल के हमलों के...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को संसद में एक खास हैंडबैग लेकर प्रवेश किया, जिस पर "फिलिस्तीन" लिखा हुआ था। इस बैग पर न केवल फिलिस्तीन का नाम था, बल्कि उस पर एक प्रतीक भी था, जो फिलिस्तीनी एकता का प्रतीक माना जाता है — तरबूज की तस्वीर। प्रियंका गांधी ने इस कदम के माध्यम से गाजा में चल रहे संघर्ष और इजरायल द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। प्रियंका गांधी का यह कदम न केवल भारत में चर्चा का विषय बना, बल्कि पाकिस्तान में भी इस पर प्रतिक्रियाएं आईं। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद हसन चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रियंका गांधी की इस तस्वीर को शेयर किया और उनका समर्थन किया।
फवाद चौधरी ने प्रियंका गांधी की तारीफ करते हुए लिखा, "जवाहरलाल नेहरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी की पोती से हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं?" उन्होंने यह भी कहा, "बौनों के बीच प्रियंका गांधी तनकर खड़ी हैं, यह शर्म की बात है कि आज तक किसी पाकिस्तानी संसद सदस्य ने ऐसा साहस नहीं दिखाया है।" फवाद चौधरी का यह बयान प्रियंका गांधी के साहसिक कदम की सराहना करता है, जिसमें उन्होंने फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय जाहिर की।
प्रियंका गांधी का यह कदम इस समय पर आया है जब गाजा में इजरायल के हमलों के कारण भारी तबाही मची हुई है। प्रियंका गांधी ने लंबे समय से इस संघर्ष में फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है। खासकर अक्टूबर में, जब हमास और इजरायल के बीच युद्ध की वर्षगांठ थी, प्रियंका गांधी ने गाजा में हुए अत्याचारों की निंदा की थी। उन्होंने इजरायल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि गाजा में मारे गए 7,000 लोगों में से 3,000 से ज्यादा मासूम बच्चे थे। प्रियंका ने कहा था कि इजरायल ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए गाजा में भीषण हिंसा को बढ़ावा दिया है। इस बयान के बाद प्रियंका गांधी की आलोचना भी हुई थी, खासकर बीजेपी और अन्य राष्ट्रवादी समूहों से।
प्रियंका गांधी के इस कदम को लेकर बीजेपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने प्रियंका गांधी के बैग की आलोचना करते हुए कहा कि गांधी परिवार हमेशा से तुष्टीकरण का एजेंडा चलाता आया है। संबित पात्रा ने यह आरोप भी लगाया कि गांधी परिवार के इस तरह के कदम चुनावों में उनकी हार का कारण बनते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी का यह कदम भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है और यह भारत के बाहर के मुद्दों में unnecessary हस्तक्षेप है। बीजेपी की आलोचना में यह भी कहा गया कि गांधी परिवार का यह रवैया चुनावी राजनीति में उनके नुकसान का कारण बनता है।
प्रियंका गांधी का यह बयान और कदम फिलिस्तीनी एकता और समर्थन का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कई बार गाजा में बढ़ती हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है। इससे पहले, प्रियंका गांधी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना करते हुए गाजा में इजरायली कार्रवाई को "नरसंहारकारी" करार दिया था। उन्होंने गाजा में मारे गए हजारों निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। प्रियंका गांधी का यह कदम इजरायली हमलों के खिलाफ उनकी लगातार स्थिर और मजबूत प्रतिक्रिया का हिस्सा है।
प्रियंका गांधी का यह कदम न केवल राष्ट्रीय राजनीति में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। फिलिस्तीन और गाजा के मुद्दे पर उनका स्पष्ट और साहसिक रुख एक बार फिर से राजनीति के एक संवेदनशील क्षेत्र में चर्चाओं का केंद्र बन गया है। इस बैग के जरिए प्रियंका गांधी ने एक बार फिर यह साबित किया कि वे इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने में कभी भी पीछे नहीं हटतीं। संसद में प्रियंका गांधी का यह कदम न केवल उनके राजनीतिक विचारों को स्पष्ट करता है, बल्कि भारत और अन्य देशों के बीच के राजनीतिक रिश्तों पर भी असर डालता है। फिलिस्तीन और गाजा के मुद्दे पर यह बयान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जा रहा है और इसके राजनीतिक प्रभाव को समझा जा रहा है।