Edited By Sunita sarangal,Updated: 10 Sep, 2024 01:19 PM
विदेश मंत्री एस. जयशंकर खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council, GCC) की पहली भारत-जीसीसी विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के....
दुबईः विदेश मंत्री एस. जयशंकर खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council, GCC) की पहली भारत-जीसीसी विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे हैं। इस ऐतिहासिक बैठक का उद्देश्य रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है। जयशंकर ने सऊदी यात्रा के दौरान GCC के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ताएं भी कीं। खाड़ी सहयोग परिषद में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन शामिल हैं। भारत के साथ इन देशों के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने खाड़ी देशों के साथ अपने संबंधों को व्यवस्थित तरीके से मजबूत किया है, जिससे इन देशों में लगभग 80-90 लाख भारतीय प्रवासी रह रहे हैं। बासित ने यह भी कहा कि भारत की इस बैठक का उद्देश्य खाड़ी देशों को कश्मीर जैसे मुद्दों पर OIC (इस्लामिक सहयोग संगठन) से दूरी बनाए रखने के लिए राजी करना हो सकता है। इसके साथ ही, भारत OIC में ऑब्जर्वर का दर्जा हासिल करने और भविष्य में पूर्ण सदस्य बनने की कोशिश कर सकता है।
सऊदी अरब OIC का सबसे प्रभावशाली सदस्य है, और भारत के साथ उसके संबंधों में मजबूती से OIC में भारत की भागीदारी की संभावना बढ़ सकती है। 2019 में सुषमा स्वराज को OIC की बैठक में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में बुलाया गया था, जिसे भारत के लिए एक अहम कूटनीतिक सफलता माना गया था। उस समय पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था और बैठक का बहिष्कार किया था। अब्दुल बासित ने यह भी कहा कि भारत इस बैठक के जरिए संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता के लिए खाड़ी देशों से समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकता है।