Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Jan, 2025 09:08 PM
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन की संभावना जताई जा रही है। शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने इस क्षेत्र का दौरा भी किया है। इसके अलावा यह भी संभावना है कि...
नेशनल डेस्क: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के निर्माण की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने दिल्ली में कुछ स्थानों को सुझाव के रूप में चुना है, जहां उनका स्मारक बनाया जा सकता है। मनमोहन सिंह के परिवार को इन जगहों में से कोई एक स्थान चुनने के लिए कहा गया है, ताकि स्मारक के निर्माण का काम शुरू किया जा सके।
हालांकि, इसके लिए सबसे पहले एक ट्रस्ट का गठन करना जरूरी है, क्योंकि नई नीति के तहत जमीन केवल ट्रस्ट को ही आवंटित की जा सकती है। ट्रस्ट बनने के बाद, स्मारक के लिए आवेदन किया जाएगा और फिर सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) के साथ एमओयू (स्मारक निर्माण का समझौता) पर दस्तखत होंगे।
यहां दी जा सकती है जमीन
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन की संभावना जताई जा रही है। शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने इस क्षेत्र का दौरा भी किया है। इसके अलावा यह भी संभावना है कि उनका स्मारक नेहरू-गांधी परिवार के नेताओं की समाधियों के पास बने, जहां पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधियां स्थित हैं।
26 दिसंबर को निधन
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ था। वह 92 वर्ष के थे और उम्र संबंधित समस्याओं के कारण उनका निधन हुआ। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया 28 दिसंबर को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर की गई। भारत और दुनियाभर के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
7 दिन का राष्ट्रीय शोक
केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया और घोषणा की कि उनका स्मारक दिल्ली में बनाया जाएगा। 29 दिसंबर को, मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारे में उनकी अस्थियों को रखा गया और शबद कीर्तन, पाठ, तथा अरदास के बाद उनके परिवार ने इन अस्थियों को यमुना में विसर्जित किया।