Edited By Archna Sethi,Updated: 06 Dec, 2024 09:44 PM
शहीद-ए-आज़म सुखदेव थापर स्कूल ऑफ एमिनेंस को अपग्रेड करने की रखी आधारशिला
चंडीगढ़, 6 दिसंबर (अर्चना सेठी) पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने करीब 17 करोड़ रुपये की लागत से शहीद-ए-आज़म सुखदेव थापर स्कूल ऑफ एमिनेंस, भारत नगर, लुधियाना को अपग्रेड करने की आधारशिला रखी।
विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी, मार्कफेड के चेयरमैन अमनदीप सिंह मोही और डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल के साथ, कैबिनेट मंत्री बैंस ने बताया कि नए कार्यों में अत्याधुनिक इनडोर स्पोट्र्स सुविधा, मल्टीपरपज हॉल, नई साइंस लैब्स, अतिरिक्त कक्षाएं, छत की टाइलिंग, नए दरवाजे और खिड़कियां, नई बिजली की वायरिंग, सीवरेज सिस्टम, विद्यार्थियों के लिए कवर पार्किंग क्षेत्र, मध्याह्न भोजन के लिए आश्रय, बाथरूम, बास्केटबॉल कोर्ट, ग्राउंड फ्लोर पर पुराने हॉल को गिराकर सात नई कक्षाओं का निर्माण, बाथरूम, एक नया मुख्य प्रवेश द्वार, अभिभावकों के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र और अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये काम लगभग अगले 11 महीनों में पूरा करके स्कूल को एक बेहतरीन संस्थान में बदला जाएगा। इनडोर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स का नाम श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के सम्मान में रखा जाएगा।
हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब भर में स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को कॉन्वेंट स्कूलों के मुकाबले की सुविधाएं मिलें। उन्होंने बताया कि शहीद-ए-आज़म सुखदेव थापर स्कूल ऑफ एमिनेंस, जो लुधियाना के भारत नगर चौक पर स्थित है, सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में से एक है, जो वर्तमान में लगभग 2000 विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह लुधियाना शहर का दूसरा स्कूल ऑफ एमिनेंस होगा, जिसमें सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान आने वाले महीनों में जनता के लिए पांच नए स्कूल ऑफ एमिनेंस (एस.ओ.ई.) का उद्घाटन करेंगे। सरकारी स्कूलों में उच्च-गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए पहले ही महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें चारदीवारी, फर्नीचर, खेल सुविधाएं और अन्य कई चीजें शामिल हैं। उन्होंने बिजनेस ब्लास्टर पहल के बारे में भी चर्चा की, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में एक उद्यमशील भावना पैदा करना है। उन्हें नौकरी खोजने वालों से नौकरी प्रदान करने वालों में बदलने के लिए प्रेरित करना है। विद्यार्थियों को व्यावहारिक व्यावसायिक उद्यमों में शामिल करके, यह कार्यक्रम रचनात्मकता, समस्या समाधान और आलोचनात्मक सोच जैसे आवश्यक कौशल को बढ़ावा देता है। इस योजना के तहत, हर चयनित विद्यार्थी को अपने व्यावसायिक विचारों को विकसित करने के लिए 2,000 रुपये की प्रारंभिक धनराशि मिलती है। इसके अलावा, उन्होंने मिशन समर्थ का भी उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य ग्रेड 3 से 8 तक के बच्चों के लिए बुनियादी साक्षरता और गणना कौशल को बढ़ावा देना है।