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चार दिन काम, तीन दिन छुट्टी! यहां हफ्ते में करना पड़ेगा सिर्फ 4 दिन काम, कर्मचारियों के लिए खुशी की खबर

Edited By Mahima,Updated: 28 Jan, 2025 11:04 AM

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यूके में 200 से ज्यादा कंपनियों ने हफ्ते में 4 दिन काम करने का नियम लागू किया है। यह निर्णय कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। 4 डे वीक फाउंडेशन द्वारा समर्थित इस कदम को विशेष रूप से युवा...

नेशनल डेस्क: पूरी दुनिया में काम करने के पैटर्न को लेकर विभिन्न बहसें चल रही हैं, लेकिन ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। वहां अब 200 से अधिक कंपनियों ने हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करने का नियम लागू किया है, जिसमें किसी प्रकार की सैलरी कटौती नहीं की जा रही। यह कदम कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालने के उद्देश्य से उठाया गया है। 

क्या है यह नया नियम?
यूके में अब तक करीब 200 कंपनियां हफ्ते में 4 दिन काम करने के नियम को लागू कर चुकी हैं। यह कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों से हैं, जैसे मार्केटिंग, विज्ञापन, आईटी, प्रौद्योगिकी, चैरिटी, और सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट। इन कंपनियों ने बिना सैलरी कम किए, कर्मचारियों को एक अतिरिक्त दिन की छुट्टी देने का निर्णय लिया है। यह कदम 4 डे वीक फाउंडेशन के सहयोग से लिया गया है, और इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता को सुधारना है।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?
इसी दौरान, 4 डे वीक फाउंडेशन के अभियान निदेशक जो राइल ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि 9-5 का काम करने का पैटर्न अब पुराने समय का हिस्सा बन चुका है। राइल के अनुसार, पिछले 100 वर्षों में दुनिया बदल चुकी है, और अब उस समय के काम के ढांचे में बदलाव की आवश्यकता है। उनका मानना है कि हफ्ते में 4 दिन काम करने से न केवल कर्मचारियों को ज्यादा छुट्टी मिलती है, बल्कि यह उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डालता है। 4 डे वीक के समर्थकों का कहना है कि 5 दिन काम करने की प्रणाली ने कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से थका दिया है। कर्मचारियों को अधिक खाली समय मिलने से वे अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन को ज्यादा प्राथमिकता दे सकते हैं, जिससे उनका काम के प्रति समर्पण भी बढ़ेगा और कार्य में उत्पादकता में सुधार होगा। यह कदम न केवल कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह कंपनियों के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि उत्पादकता बढ़ने के साथ-साथ कर्मचारियों की संतुष्टि और आकर्षण भी बढ़ेगा।

कौन-कौन सी कंपनियां हैं इस बदलाव के समर्थन में?
यह बदलाव सबसे पहले मार्केटिंग, विज्ञापन, और प्रेस रिलेशन से जुड़ी कंपनियों ने शुरू किया था। इसके बाद, तकनीकी कंपनियां, आईटी और सॉफ़्टवेयर फर्मों ने भी इसे अपनाया। इन कंपनियों में प्रमुख नाम लंदन की 59 कंपनियां हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान घर से काम करने का पैटर्न लागू होने के बाद कर्मचारियों ने ऑफिस में लौटने के लिए और भी अधिक विरोध दिखाया, जिससे यह बदलाव और भी जरूरी हो गया। 

कोविड-19 के बाद कैसे हुआ वर्क कल्चर में बदलाव
कोविड-19 महामारी के दौरान घर से काम करने के अनुभव ने कर्मचारियों के दृष्टिकोण को पूरी तरह बदल दिया। जबकि कुछ बड़ी कंपनियां जैसे जेपी मॉर्गन चेस और अमेज़ॅन ने कर्मचारियों से सप्ताह में पांच दिन ऑफिस आने का आदेश दिया, वहीं कर्मचारियों ने इसका विरोध किया और घर से काम करने का अधिकार मांगने लगे। ऐसे में, हफ्ते में 4 दिन काम करने का विचार और भी प्रासंगिक हो गया।

जीवन की गुणवत्ता में सुधार 
इस बदलाव के समर्थन में लेबर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी आवाज उठाई है, हालांकि यह अभी तक पार्टी की आधिकारिक नीति नहीं बनी है। इस बदलाव का विशेष रूप से समर्थन युवा कर्मचारियों ने किया है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, 18 से 34 साल के कर्मचारियों का मानना है कि हफ्ते में 4 दिन काम करने का नियम अगले कुछ वर्षों में आदर्श बन जाएगा। लगभग 78 प्रतिशत युवा इस बदलाव के पक्षधर हैं, और उनका मानना है कि यह उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
युवाओं का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक, चार दिन काम करने से कर्मचारियों को मानसिक शांति मिलती है, जिससे उनकी उत्पादकता और समग्र जीवन संतुलित होता है। इस नए कार्य सप्ताह के परिणामस्वरूप, कर्मचारियों को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लाभ मिल सकते हैं और वे बेहतर कार्य प्रदर्शन कर सकते हैं। 

कंपनियों को कैसे फायदा हो रहा है?
कंपनियों के लिए यह कदम न केवल कर्मचारियों को खुश रखने का तरीका है, बल्कि यह उनकी कार्यक्षमता और उत्पादकता में भी सुधार कर रहा है। कर्मचारियों के लिए काम करने का यह नया तरीका उनकी ताजगी को बनाए रखता है, जिससे वे काम में ज्यादा फोकस और बेहतर परिणाम देने में सक्षम होते हैं।  

क्या भविष्य में यह बदलाव और देशों में लागू हो सकता है?
यह कदम निश्चित रूप से कर्मचारियों की भलाई और कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने के लिए एक सकारात्मक पहल है। यूके के उदाहरण को देखते हुए, उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में यह बदलाव अन्य देशों में भी लागू किया जा सकता है, खासकर उन देशों में जहां कार्य संस्कृति अभी भी पुराने तरीके से चल रही है। यूके में 200 से ज्यादा कंपनियों ने हफ्ते में 4 दिन काम करने का नियम लागू किया है। यह निर्णय कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। 4 डे वीक फाउंडेशन द्वारा समर्थित इस कदम को विशेष रूप से युवा कर्मचारियों द्वारा सराहा जा रहा है। इस बदलाव के कारण कंपनियों को भी उत्पादकता में वृद्धि हो रही है।

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