Edited By Parveen Kumar,Updated: 17 Mar, 2025 10:49 PM

गुजरात के वडोदरा स्थित एक दरगाह में जूते पहनकर जाने के आरोप में भीड़ ने एक निजी विश्वविद्यालय के चार विदेशी छात्रों पर हमला कर दिया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि वे गुजराती भाषा नहीं समझ पा रहे थे। एक...
नेशनल डेस्क : गुजरात के वडोदरा स्थित एक दरगाह में जूते पहनकर जाने के आरोप में भीड़ ने एक निजी विश्वविद्यालय के चार विदेशी छात्रों पर हमला कर दिया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि वे गुजराती भाषा नहीं समझ पा रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ द्वारा किए गए हमले में एक छात्र के सिर में गंभीर चोट पहुंची है। इसके अलावा उसके हाथ-पैर में भी चोट लगी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है।
वाघोडिया पुलिस थाने में रविवार रात को दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, थाईलैंड, सूडान, मोजाम्बिक और ब्रिटेन के रहने वाले चार छात्र पारुल विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं। उनके छात्रावास के पास लिमडा गांव में 14 मार्च की शाम को लगभग 10 लोगों ने उनका पीछा किया और छात्रों पर हमला कर दिया। प्राथमिकी में कहा गया कि चार छात्रों पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि वे गुजराती भाषा नहीं समझ पा रहे थे। इसमें कहा गया कि जब वे एक दरगाह में गए थे तो एक व्यक्ति इसी भाषा में उनसे मजार पर जूते पहनकर न जाने के लिए कह रहा था।
प्राथमिकी में कहा गया कि इस हमले के दौरान तीन छात्र भागने में सफल रहे, जबकि थाईलैंड का छात्र सुपच कंगवनरत्ना (20) को लकड़ी के डंडों, क्रिकेट के बल्ले और पत्थरों से पीटा गया, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट पहुंची। कंगवनरत्ना ‘बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन' (बीसीए) के दूसरे वर्ष का छात्र है। अधिकारी ने बताया कि छात्र को पारुल सेवाश्रम अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया है। वाघोडिया पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि इस मामले के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान मुख्तियार शेख, राजेश वसावा, रवि वसावा, स्वराज वसावा और प्रवीण वसावा के रूप में हुई है और दो नाबालिगों को पकड़ा गया है।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया कि पारुल विश्वविद्यालय के चार अंतरराष्ट्रीय छात्र एटीएम से पैसे निकालने के बाद अपने छात्रावास के पास लिमडा गांव में एक तालाब की ओर जा रहे थे तभी गांव के लगभग 10 लोगों ने उन पर लकड़ी के डंडों, क्रिकेट के बल्ले और पत्थरों से हमला कर दिया। शिकायत के आधार पर दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया, ‘‘तलाब की ओर जाने के दौरान वे एक दरगाह पर पहुंचे जहां मौजूद एक व्यक्ति ने उनके गुजराती भाषा में कहा कि वे वहां जूते पहनकर न जाएं। छात्र ये भाषा नहीं समझ पा रहे थे इसलिए उसने जो कहा उन्हें समझ नहीं आया।
इसके बाद व्यक्ति ने उन पर चिल्लाना और उन्हें धक्का देना शुरू कर दिया। इसके बाद गांव के करीब दस लोग वहां पहुंचे और उन्होंने छात्रों को गाली देना शुरू कर दिया। वे उन छात्रों का पीछा करने लगे जो घटनास्थल से भागने की कोशिश कर रहे थे।'' प्राथमिकी में कहा गया कि जब चारों छात्र विश्वविद्यालय की ओर जा रहे थे तभी भीड़ ने थाईलैंड के छात्र को पकड़ लिया। घटना की सूचना मिलने के बाद अस्पताल की सुरक्षा टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया। वाघोडिया पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि भीड़ के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।