Edited By Mahima,Updated: 01 Nov, 2024 01:02 PM
भारतीय रेलवे ने 1 नवंबर 2024 से ट्रेन टिकट की एडवांस बुकिंग की अवधि 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दी है। इस नए नियम का उद्देश्य टिकट कैंसिलेशन की बढ़ती संख्या और सीटों की बर्बादी को कम करना है। पहले से बुक किए गए टिकटों पर इसका असर नहीं होगा। त्योहारों...
नेशनल डेस्क: भारतीय रेलवे ने 1 नवंबर 2024 से ट्रेन टिकट की एडवांस बुकिंग के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब यात्री केवल 60 दिन (दो महीने) पहले तक ही ट्रेन के टिकट बुक कर सकेंगे। पहले यह अवधि 120 दिन थी, जो अब घटाकर 60 दिन कर दी गई है। यह निर्णय रेलवे ने बढ़ती टिकट कैंसिलेशन की संख्या और सीटों की बर्बादी को ध्यान में रखते हुए लिया है।
नए नियम का विस्तृत विवरण
1. बुकिंग की अवधि में कमी:
अब से, यात्रियों को अपने टिकट बुक करने के लिए अधिकतम 60 दिन का समय मिलेगा। इस नए नियम के लागू होने के बाद, अगर कोई यात्री 31 अक्टूबर 2024 तक बुकिंग कराता है, तो वह 120 दिन की एडवांस बुकिंग के तहत मान्य रहेगा। लेकिन 1 नवंबर 2024 के बाद बुक किए गए टिकटों पर नया नियम लागू होगा।
2. कैंसिलेशन की प्रक्रिया:
अगर किसी यात्री ने 60 दिन से अधिक समय के लिए टिकट बुक कर रखा है, तो उसे कैंसिल करने के नियम सामान्य प्रक्रिया के अनुसार ही होंगे। नया नियम कैंसिलेशन की अवधि को भी 60 दिन तक सीमित कर देगा। इसका मतलब है कि यदि आप अपने टिकट को रद्द करना चाहते हैं, तो आपको इस समय सीमा के भीतर ही प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
3. विशेष ट्रेनों पर नियमों का प्रभाव:
कुछ ट्रेनों, जैसे गोमती एक्सप्रेस और ताज एक्सप्रेस, पर नए नियम लागू नहीं होंगे। इन ट्रेनों के लिए पहले से ही कम एडवांस रिजर्वेशन की अवधि तय है। यह उन यात्रियों के लिए राहत की बात है, जो इन ट्रेनों में यात्रा करते हैं। इसके अलावा, विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की बुकिंग सीमा में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे वे पहले की तरह लंबी अवधि के लिए रिजर्वेशन कर सकेंगे।
रेलवे का तर्क
रेल मंत्रालय के अनुसार, इस निर्णय का उद्देश्य टिकटों की निरस्ती की समस्या को कम करना है। रेलवे ने बताया कि 120 दिन की एडवांस बुकिंग के दौरान लगभग 21 प्रतिशत टिकट निरस्त किए जाते थे, जबकि 4 से 5 प्रतिशत लोग यात्रा ही नहीं करते थे। इससे न केवल रेलवे को आर्थिक नुकसान होता था, बल्कि जरूरतमंद यात्रियों को भी समस्या का सामना करना पड़ता था, जिन्हें टिकट पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि पहले से बुक किए गए टिकटों पर इस नए नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा। रेलवे का मानना है कि 120 दिन की अवधि बहुत लंबी होती है, और यह निर्णय यात्रियों की सुविधा और रेलवे के संचालन को बेहतर बनाने के लिए किया गया है।
त्योहारों के समय बदलाव का महत्व
दिवाली जैसे त्योहारों के समय ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह बदलाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। त्योहारों के दौरान, कई लोग अपने गांवों की यात्रा करते हैं, जिसके कारण ट्रेनों में सीटें कम हो जाती हैं। कई यात्रियों को सामान्य श्रेणी में यात्रा करनी पड़ती है, जिससे उन्हें अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रेलवे का यह नया नियम कालाबाजारी और अवैध वसूली पर भी अंकुश लगाने में सहायक होगा।
टिकट बुकिंग के नियमों का इतिहास
टिकट बुकिंग की अवधि में समय-समय पर बदलाव होते आए हैं। पहले, यात्रियों को 45 दिन और 90 दिन की अवधि में टिकट बुक करने की अनुमति थी। 25 मार्च 2015 को रेल मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 120 दिन किया था, उस समय यह तर्क दिया गया था कि इससे दलालों को निराशा होगी और कैंसिलेशन चार्ज भी ज्यादा देना होगा। अब एक बार फिर रेलवे ने इस अवधि को 60 दिन कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
पहले से बुक किए गए टिकटों की स्थिति
जिन यात्रियों ने पहले से टिकट बुक करवा रखा है, उन्हें नए नियमों का पालन नहीं करना पड़ेगा। रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि नया नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होगा। 31 अक्टूबर तक की गई बुकिंग पर इसका असर नहीं होगा। हालांकि, अगर किसी ने 60 दिनों के आगे की टिकट अभी से बुक कर ली है, तो उसे कैंसिल करने के लिए पुराने नियमों के अनुसार ही प्रक्रिया अपनानी होगी।
नए नियमों का उद्देश्य यात्रियों की सुविधा और रेलवे के संचालन को बेहतर बनाना है। रेलवे का मानना है कि इस बदलाव से यात्री बेहतर सेवा प्राप्त करेंगे और टिकट बुकिंग में ज्यादा पारदर्शिता होगी। इसके अलावा, यात्री अब अधिकतम 60 दिन पहले टिकट बुक कर सकेंगे, जिससे उन्हें यात्रा की योजना बनाने में सुविधा होगी। इस बदलाव का प्रभाव त्योहारों के समय विशेष रूप से देखने को मिलेगा, जहां यात्री अब अधिक आराम से यात्रा कर सकेंगे। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सभी संबंधित पक्षों के हित में है और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए किया गया है। रेलवे की यह पहल न केवल यात्रियों की परेशानियों को कम करेगी, बल्कि इससे रेलवे की सेवाओं में भी सुधार होगा।