नरेंद्र मोदी करने जा रहे ऐतिहासिक दौरा, 56 साल बाद कोई भारतीय PM रखेगा इस देश में कदम

Edited By Rahul Singh,Updated: 14 Nov, 2024 05:46 PM

g20 summit brazil after 56 years an indian prime minister is going to guyana

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली से कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनमें ऊर्जा, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अली जॉर्जटाउन में होने वाले दूसरे भारत-कैरीकॉम शिखर सम्मेलन की...

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐतिहासिक दौरा करने जा रहे हैं। दरअसल, वह 19 से 21 नवंबर 2024 तक गुयाना गणराज्य का ऐतिहासिक दौरा करेंगे। यह 1968 के बाद भारतीय प्रधानमंत्री का गुयाना का पहला दौरा होगा। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और गुयाना के बढ़ते और मजबूत होते रिश्तों को दर्शाता है, जो दोनों देशों के साझा औपनिवेशिक इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और रणनीतिक हितों पर आधारित हैं। इस यात्रा से भारत और गुयाना के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने का अवसर मिलेगा, खासकर कैरिबियाई समुदाय (CARICOM) के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में।

विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली से कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनमें ऊर्जा, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अली जॉर्जटाउन में होने वाले दूसरे भारत-कैरीकॉम शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसमें भारत और कैरिबियाई देशों के बीच आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन, और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी गुयाना की संसद (नेशनल एसेम्बली) को भी संबोधित करेंगे, जो भारत और गुयाना के लोकतांत्रिक रिश्तों की गहराई को दिखाता है। यह दौरा भारत के लिए वैश्विक साझेदारियों को विस्तार देने की दिशा में महत्वपूर्ण है, खासकर अमेरिका के साथ संबंधों को बढ़ाने के संदर्भ में।

PunjabKesariभारत-गुयाना संबंधों में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलू

गुयाना में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या है, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का मजबूत आधार हैं। गुयाना में 3,27,000 से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो देश के सबसे बड़े जातीय समूह हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान गुयाना में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का दौरा करेंगे और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके अलावा, वे इंडियन एराइवल मॉन्यूमेंट का भी दौरा करेंगे, जो 1838 में गुयाना में भारतीय श्रमिकों के आगमन को याद करता है।

गुयाना के लिए भारत ने उठाए हैं महत्वपूर्ण कदम

भारत ने हाल के वर्षों में गुयाना की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत ने गुयाना को 23.37 मिलियन डॉलर के ऋण के तहत दो डोर्नियर-228 विमान प्रदान किए हैं, जिससे देश की हवाई निगरानी और आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं में वृद्धि हो सके। यह रक्षा सहयोग भारत के मेक इन इंडिया अभियान के तहत उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा उपकरणों के किफायती आयात को बढ़ावा देता है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच प्रशिक्षण और सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, और उम्मीद है कि भविष्य में यह साझेदारी और मजबूत होगी। भारत और गुयाना के बीच ऊर्जा क्षेत्र में भी एक अहम साझेदारी उभर कर आई है।

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2015 में गुयाना में तेल के बड़े भंडार का पता चलने के बाद, भारत ने गुयाना को एक दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदार के रूप में देखा है। 2021 में भारत ने गुयाना से पहली बार तेल प्राप्त किया था। भारत और गुयाना के बीच अक्षय ऊर्जा, जैव ईंधन और इथेनॉल उत्पादन में भी सहयोग बढ़ने की उम्मीद है। भारतीय कंपनियां गुयाना के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने और वहां के सतत ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और गुयाना के बीच प्रस्तावित साझेदारी, जिसमें गैस और पावर प्लांट के लिए कंसल्टेंसी सेवाएं शामिल हैं, भारत की ऊर्जा साझेदारी को और मजबूत करेगी।

भारत और कैरीकॉम के साथ सहयोग

भारत का कैरिबियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का प्रयास अब और तेज हो गया है। कैरिबियाई देशों के 15 सदस्य देशों के संगठन कैरिकॉम के साथ भारत की साझेदारी को रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। भारत-कैरीकॉम शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, डिजास्टर रिस्पांस और आर्थिक एकीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। गुयाना हाल ही में आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI) का हिस्सा बना है, जो भारत के टिकाऊ विकास और मजबूत बुनियादी ढांचे पर जोर देने के साथ मेल खाता है। भारत और कैरीकॉम देशों के बीच स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर में साझेदारी के क्षेत्र में भी वृद्धि हो रही है। इसके अतिरिक्त, भारत के डिजिटल और हेल्थकेयर सेक्टर में साझेदारी को लेकर कैरीकॉम देशों की भी दिलचस्पी बढ़ी है, जिससे व्यापार और विकास के नए अवसर सामने आ सकते हैं। 

PunjabKesariशिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग

भारत और गुयाना के बीच शिक्षा और कौशल विकास में भी सहयोग बढ़ रहा है। भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत गुयाना के 900 से ज्यादा लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिला है। इसके अलावा, भारतीय विश्वविद्यालयों के ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से गुयाना के छात्रों को संभावित छात्रवृत्तियां दी जाती हैं, जो दोनों देशों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में रिश्तों को और मजबूत करती हैं।

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