Edited By Mahima,Updated: 17 Oct, 2024 12:07 PM
राहुल और प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर रेल दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के लिए आलोचना की, जिसमें 126 दिनों में 55 हादसे हुए, जिनमें 21 लोगों की जान गई और 131 से अधिक घायल हुए। उन्होंने सरकार की जवाबदेही और कार्रवाई की कमी पर सवाल उठाए, खासकर...
नेशनल डेस्क: शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, राहुल और प्रियंका वाड्रा, ने देश में लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं के मामले को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले 126 दिनों में 55 रेल दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, जिनमें 21 लोगों की जान गई है और 131 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस बढ़ती संख्या के बावजूद, सरकार ने न तो किसी की जिम्मेदारी तय की है और न ही इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए हैं।
लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएँ
गांधी भाई-बहनों ने कहा कि यह घटना चिंता का विषय है, खासकर तब जब पिछले कुछ वर्षों में रेलवे की सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठाए गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि जब से नई सरकार सत्ता में आई है, तब से रेल दुर्घटनाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। सितंबर में मोदी सरकार के तीन वर्षों के पूरे होने पर भी कांग्रेस ने दावा किया था कि इस दौरान 38 रेल दुर्घटनाएँ हुईं, जिनका जिक्र रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने “मामूली घटनाएँ” बताते हुए खारिज कर दिया था।
मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस का हादसा
राहुल गांधी ने हाल ही में मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस रेल दुर्घटना का जिक्र करते हुए रेलवे के सुरक्षा रिकॉर्ड पर सवाल उठाए। इस दुर्घटना में ट्रेन संख्या 12578 ने एक खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टकरा दिया, जिससे कई डिब्बे पटरी से उतर गए। गांधी ने "एक्स" प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में लिखा कि यह घटना बालासोर में हुए भयानक हादसे की याद दिलाती है, जिसमें एक यात्री ट्रेन खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। उन्होंने कहा कि "कई दुर्घटनाओं में जान जाने के बावजूद, कोई सबक नहीं सीखा गया है।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि "जवाबदेही शीर्ष स्तर से शुरू होती है" और पूछा कि "इस सरकार के जागने से पहले कितने और परिवार बर्बाद होने चाहिए?"
प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि देश में रेल दुर्घटनाएँ इतनी आम हो गई हैं कि सरकार द्वारा न तो कोई जवाबदेही तय की जा रही है और न ही कोई कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “एक बार फिर उड़ीसा के बालासोर जैसी दुर्घटना तमिलनाडु में मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के साथ हुई।” उन्होंने गंभीरता से पूछा, “महीनों से चल रहा यह सिलसिला कब रुकेगा? जवाबदेही कब तय होगी?”
भाजपा का विरोध
भाजपा ने गांधी परिवार द्वारा किए गए दावों का खंडन करते हुए कहा कि इनमें से अधिकांश "दुर्घटनाएँ" दरअसल "तोड़फोड़" के मामले थे। गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने कहा था कि "अधिकांश दुर्घटनाएँ तोड़फोड़ की कोशिशें लगती हैं क्योंकि रेलवे ट्रैक पर अवरोध लगाए गए थे।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार रेलवे की सुरक्षा को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रही है और सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
रेलवे सुरक्षा पर ध्यान
इस तरह की घटनाएँ न केवल यात्रियों की सुरक्षा को प्रभावित करती हैं, बल्कि इससे देश की रेलवे व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठता है। कांग्रेस पार्टी ने यह मांग की है कि सरकार को इस गंभीर समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। रेलवे मंत्रालय को चाहिए कि वह सुरक्षा मानकों को और मजबूत करे और दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए विशेष योजनाएँ तैयार करे।
रेल दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों पर राहुल और प्रियंका गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे ने एक बार फिर से रेलवे की सुरक्षा और सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार को इस गंभीर समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। रेलवे की सुरक्षा को सुनिश्चित करना न केवल यात्रियों के लिए आवश्यक है, बल्कि यह देश की परिवहन प्रणाली की विश्वसनीयता को भी बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।