गौरव मेहता का खुलासा, महाराष्ट्र में बिटकॉइन घोटाले की पूरी सच्चाई पर संबित पात्रा ने समझाई पूरी थ्योरी

Edited By Mahima,Updated: 20 Nov, 2024 01:05 PM

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महाराष्ट्र में बिटकॉइन घोटाले को लेकर बीजेपी ने सुप्रिया सुले और नाना पटोले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दावा किया गया कि नेताओं ने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चुनावी फंड जुटाया। सुप्रिया सुले ने आरोपों को नकारते हुए इसे झूठा बताया। रवींद्रनाथ पाटिल ने...

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान एक नया विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। इस बार विवाद का केंद्र बिंदु बिटकॉइन घोटाला है, जिसमें कई प्रमुख नेताओं का नाम सामने आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र की एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले बिटकॉइन ट्रांजेक्शन के जरिए चुनावी फंड जुटा रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले से जुड़ी पूरी "थ्योरी" प्रस्तुत की, जिसमें बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी के बारे में गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

बिटकॉइन घोटाला: क्या है मामला?
बीजेपी ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में एक बड़ा क्रिप्टोकरेंसी घोटाला हुआ था, जिसमें बिटकॉइन के जरिए अवैध लेन-देन किए गए थे। बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने दावा किया कि इस घोटाले में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल का नाम सामने आया था। पाटिल 2004 बैच के आईपीएस अफसर थे, जिन्होंने 2010 में अपनी नौकरी छोड़कर साइबर एक्सपर्ट के रूप में काम करना शुरू किया था। 2018 में एक बड़ा क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड सामने आया था, जिसमें कई बिटकॉइन गायब हो गए थे। जांच के दौरान यह पता चला कि बिटकॉइन का असली वॉलेट कुछ पुलिस अधिकारियों के पास था, जिनमें आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री का नाम शामिल था। इन अधिकारियों ने कथित तौर पर नकली वॉलेट बनाए थे, जिनमें पैसे नहीं थे। इस वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। 

गौरव मेहता की गवाही और राजनीतिक आरोप
बीजेपी ने दावा किया है कि इस मामले में एक अन्य साइबर एक्सपर्ट, गौरव मेहता, ने अहम गवाही दी थी। गौरव मेहता ने रवींद्रनाथ पाटिल को फोन पर यह जानकारी दी थी कि पाटिल को फंसाने के लिए अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री ने साजिश रची थी। गौरव मेहता ने दावा किया था कि बिटकॉइन का असली वॉलेट उनके पास था और इसमें सुप्रिया सुले और नाना पटोले जैसे नेताओं का नाम शामिल था।पात्रा ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में प्रमुख रूप से राजनीतिक नेताओं का हाथ है और यह पैसा 2019 और 2024 के चुनावों में इस्तेमाल किया गया था। गौरव मेहता के अनुसार, सुप्रिया सुले ने दुबई में जाकर नकदी लाने की बात की थी, जो कथित तौर पर इन क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े पैसे से जुड़ा था। इस ऑडियो क्लिप में यह बातें स्पष्ट रूप से सुनाई देती हैं, हालांकि सुले ने इन आरोपों को खारिज किया और इसे एक "AI-generated" (कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा उत्पन्न) दावा बताया।

सुप्रिया सुले का खंडन और बीजेपी पर आरोप
इस विवाद के बीच, सुप्रिया सुले ने मीडिया में चल रही ऑडियो क्लिप को नकारते हुए कहा कि यह उनकी आवाज नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने इस मामले में साइबर क्राइम से संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है और बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ मानहानि का नोटिस भी भेजा है। सुले ने कहा कि इस तरह के आरोपों का उद्देश्य उन्हें राजनीतिक रूप से बदनाम करना है। सुले ने कहा कि बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं और उनका कोई ठोस आधार नहीं है। वहीं, नाना पटोले ने भी इन आरोपों को नकारा किया और कहा कि यह सब चुनावी प्रचार का हिस्सा है।

अजित पवार और शरद पवार की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र में इस विवाद के बढ़ते प्रभाव पर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जानी चाहिए, लेकिन वे किसी भी विशेष निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूरी जानकारी का इंतजार करेंगे। पवार ने कहा कि हालांकि, ऑडियो क्लिप में जो आवाजें सुनाई दे रही हैं, वे सुप्रिया सुले और नाना पटोले की हो सकती हैं, लेकिन वे इस मामले में अधिक टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि इस तरह के मामलों में आवाज की नकल भी की जा सकती है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस पूरे विवाद पर पलटवार करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाला व्यक्ति पहले खुद जेल में था और अब उसे साथ लेकर बीजेपी ने झूठे आरोप लगाए हैं। पवार ने कहा कि यह बीजेपी का "अभियान" है, जो केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि महाराष्ट्र के लोग शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करेंगे और 23 नवंबर के बाद यह साफ हो जाएगा कि राज्य में सरकार कौन बनाएगा।

रवींद्रनाथ पाटिल का आरोप और उनके बयान
पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने भी इस विवाद को लेकर एक बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बिटकॉइन ट्रांजेक्शन से जो पैसे मिले, उनका इस्तेमाल महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के प्रचार में किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इन पैसों का इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनावों में भी किया गया था। पाटिल ने आरोप लगाया कि बिटकॉइन वॉलेट से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत गायब हो गए थे, और इसे छिपाने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता जताई है।महाराष्ट्र में बिटकॉइन विवाद अब चुनावी माहौल को प्रभावित कर रहा है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने क्रिप्टोकरेंसी का दुरुपयोग किया है, जबकि एनसीपी और कांग्रेस ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। अब यह देखना होगा कि चुनावी मौसम में इस विवाद का कितना असर पड़ता है और क्या इस मामले में न्यायिक जांच होती है या नहीं।

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