Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Nov, 2024 01:39 PM
अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी ने अगस्त 2021 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की थी, ताकि राज्य सरकार को सरकार द्वारा संचालित Solar Energy Corporation of India (SECI) के...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी ने अगस्त 2021 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की थी, ताकि राज्य सरकार को सरकार द्वारा संचालित Solar Energy Corporation of India (SECI) के साथ समझौता करने के लिए राजी किया जा सके। SEC की अदालत में की गई याचिका के मुताबिक, इस बैठक में "प्रोत्साहन" पर चर्चा की गई थी, ताकि SECI से समझौता कराया जा सके। हालांकि, जगन रेड्डी की पार्टी ने दावा किया कि उनके शासनकाल (2019-2024) के दौरान अडानी ग्रुप के साथ कोई "सीधा समझौता" नहीं हुआ था।
SEC के आरोप के मुताबिक, "उस बैठक में या उसके संबंध में, गौतम अडानी ने आंध्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी या देने का वादा किया था" ताकि वे SECI के साथ बिजली आपूर्ति समझौते करें। अमेरिकी आरोपपत्र में अडानी पर रिश्वत और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है, जिसमें एक अज्ञात आंध्र प्रदेश सरकारी अधिकारी (Foreign Official #1) को 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का जिक्र किया गया है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है: कुछ दिन बाद, आंध्र प्रदेश ने SECI से सात गीगावाट बिजली खरीदने का समझौता किया, जो किसी राज्य द्वारा अब तक खरीदी गई सबसे बड़ी सौर ऊर्जा मात्रा थी। SEC ने कहा, "यानि कि रिश्वत दी या वादा की गई राशि ने काम किया।"
SECI ने 2020 में अडानी ग्रुप और एज़्योर पावर को 12 गीगावाट सौर ऊर्जा आपूर्ति करने का टेंडर दिया था। हालांकि, SECI को उच्च कीमतों के कारण बिजली खरीददार नहीं मिल सके।
अमेरिकी जांचकर्ताओं के मुताबिक, जब SECI को खरीदार नहीं मिले, तो अडानी और एज़्योर ने राज्य अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश की। अडानी ग्रुप ने 2021-2023 के बीच राज्य बिजली वितरण कंपनियों से समझौते सुरक्षित करने के लिए 265 मिलियन डॉलर रिश्वत दी।
अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया: अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वे कानूनी कार्रवाई करेंगे।
जगन रेड्डी की पार्टी का बयान: जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि उनकी सरकार का अडानी ग्रुप के साथ कोई सीधा समझौता नहीं था। पार्टी ने ट्वीट करते हुए कहा, "सात गीगावाट बिजली खरीदने का निर्णय नवंबर 2021 में आंध्र प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा लिया गया था। इसके बाद 1 दिसंबर 2021 को SECI और आंध्र प्रदेश डिस्कॉम के बीच समझौता हुआ।"
पार्टी ने आगे कहा कि इस समझौते से राज्य को प्रति वर्ष 3,700 करोड़ रुपये की बचत होगी क्योंकि SECI से 7 गीगावाट सौर ऊर्जा 2.49 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की दर पर 25 वर्षों के लिए खरीदी गई।
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की चुप्पी: वहीं, सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पार्टी के प्रवक्ता कोम्मारेड्डी पट्टाभिराम ने कहा, "हम रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और इसके बाद निष्कर्ष पर पहुंचेंगे, इसमें दो से तीन दिन लग सकते हैं।"