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झारखंड: बढ़ रहे Guillain Barre Syndrome के केस, एक और संदिग्ध मरीज रिम्स में हुआ भर्ती

Edited By Parminder Kaur,Updated: 02 Feb, 2025 12:29 PM

gbs cases increasing in jharkhand one more suspect admitted to rims

रांची के रिम्स अस्पताल में शनिवार को गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के एक और संदिग्ध मरीज को भर्ती कराया गया। यह मरीज कोडरमा का रहने वाला है और पहले रांची के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहा था। मरीज के पास आयुष्मान कार्ड नहीं था और इलाज के लिए पैसे भी...

नेशनल डेस्क. रांची के रिम्स अस्पताल में शनिवार को गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के एक और संदिग्ध मरीज को भर्ती कराया गया। यह मरीज कोडरमा का रहने वाला है और पहले रांची के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहा था। मरीज के पास आयुष्मान कार्ड नहीं था और इलाज के लिए पैसे भी खत्म हो चुके थे, जिसके बाद उसे रिम्स में भर्ती किया गया।

रिम्स में इलाज की शुरुआत

मरीज के परिवार ने रिम्स के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह से संपर्क किया। इसके बाद रिम्स के निदेशक प्रो (डॉ.) राजकुमार की मदद से मरीज को निजी अस्पताल से रिम्स में स्थानांतरित किया गया। अब रिम्स में मरीज का इलाज चल रहा है।

शिशु रोग विभाग में इलाज

मरीज को शिशु रोग विभाग में भर्ती किया गया है, जहां उसे हाई फ्लो नेजल ऑक्सीजन दी जा रही है। साथ ही, पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की व्यवस्था भी की गई है। इस समय मरीज का इलाज डॉ. सुनंदा झा की देखरेख में किया जा रहा है। मरीज की यात्रा इतिहास में महाराष्ट्र का नाम सामने आया है।

रांची में पहले से इलाज करवा रही बच्ची

रांची के बालपन हॉस्पिटल में भी गुलियन बैरे सिंड्रोम से पीड़ित एक बच्ची का इलाज चल रहा है, जिसकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। इस बच्ची का इलाज 19 जनवरी से डॉ. राजेश कुमार की देखरेख में चल रहा है। बताया जा रहा है कि बच्ची के परिवार ने हाल ही में महाराष्ट्र की यात्रा की थी।

गुलियन बैरे सिंड्रोम क्या है?

रिम्स के न्यूरो सर्जन डॉ. विकास कुमार के अनुसार, गुलियन बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ और गंभीर तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिका कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे तंत्रिका में क्षति होती है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी और लकवा हो सकता है। यह बीमारी आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होती है। इसके लक्षणों में पैरों में कमजोरी होना, शरीर के अन्य हिस्सों में झनझनाहट या सुन्न होने का अहसास और गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

महाराष्ट्र में बढ़ रहे मामले 

महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और कुछ मामलों में मौतें भी हुई हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक राज्य के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है।

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