Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 09 Mar, 2025 10:48 AM

महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब तक राज्य में इस दुर्लभ बीमारी के 225 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 197 की पुष्टि हो चुकी है और 28 संदिग्ध हैं। इस बीमारी के चलते अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें छह की पुष्टि हुई है और छह संदिग्ध मामले हैं।
GBS से अब तक कितने लोग हुए प्रभावित?
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 179 मरीज अब तक ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं, जबकि 24 मरीज अभी भी गहन चिकित्सा (ICU) में भर्ती हैं। इनमें से 15 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। सबसे ज्यादा मामले पुणे नगर निगम, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम और पुणे ग्रामीण क्षेत्र से सामने आए हैं।
क्या है Guillain Barré Syndrome (GBS)?
GBS एक दुर्लभ तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करने लगती है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, अंगों का सुन्न पड़ना और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका खतरा अधिक रहता है।
GBS के लक्षण क्या हैं?
-
शरीर के किसी भी हिस्से में सुन्नपन या झुनझुनी महसूस होना
-
मांसपेशियों में कमजोरी आना
-
शरीर के अंगों का सुन्न पड़ना
-
तेज बुखार और जुकाम जैसे लक्षण
-
सांस लेने में परेशानी
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी और दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। पुणे नगर निगम और ग्रामीण इलाकों में निगरानी तेज कर दी गई है। राज्य सरकार ने घर-घर निगरानी अभियान भी शुरू किया है, जिसमें अब तक 89,699 घरों का सर्वे किया जा चुका है।
बीमारी की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम
-
7,262 पानी के सैंपल लिए गए, जिनमें से 144 जल स्रोत दूषित पाए गए। इन पर कार्रवाई की जा रही है।
-
बेंगलुरु स्थित NIMHANS संस्थान को 82 सीरम सैंपल भेजे गए हैं।
-
अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और ICU बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
-
निजी डॉक्टरों से संदिग्ध मामलों की तुरंत सूचना देने की अपील की गई है।
GBS से बचाव के उपाय
-
उबला हुआ और स्वच्छ पानी पिएं।
-
ताजा और स्वच्छ भोजन करें, बासी खाना खाने से बचें।
-
चिकन और मटन जैसे अधपके भोजन से परहेज करें।
-
हाथों की सफाई पर विशेष ध्यान दें।
-
बुखार या सुन्नपन जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
फिलहाल क्या है स्थिति?
GBS के बढ़ते मामलों के कारण महाराष्ट्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर हैं। निगरानी टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है और अस्पतालों में मरीजों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि अधिकतर मरीज सही समय पर इलाज मिलने से ठीक हो रहे हैं।