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क्या है GBS बीमारी, जानें इसके लक्षण व बचने के उपाय

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Feb, 2025 11:22 AM

gbs disease know its symptoms and ways to avoid it

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से नसों पर हमला कर देती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी, सुन्नपन और पक्षाघात तक हो सकता है। यह बीमारी आमतौर पर किसी संक्रमण के बाद विकसित...

नेशनल डेस्क: गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से नसों पर हमला कर देती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी, सुन्नपन और पक्षाघात तक हो सकता है। यह बीमारी आमतौर पर किसी संक्रमण के बाद विकसित होती है।

कैसे होता है GBS?

GBS के मामले अक्सर किसी बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण के बाद सामने आते हैं। पुणे में इस प्रकोप के पीछे कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी नामक बैक्टीरिया को मुख्य कारण माना जा रहा है। यह बैक्टीरिया दूषित भोजन, अधपका मांस और गंदे पानी के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।

GBS के लक्षण क्या हैं?

GBS धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है, जिसमें लक्षण शुरुआत में मामूली लग सकते हैं लेकिन समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-

कैसे फैल रहा है GBS?

विशेषज्ञों का कहना है कि पुणे में GBS का प्रकोप दूषित पानी और अधपके मांस के सेवन से जुड़ा हो सकता है। कुछ मुख्य कारण-

  1. कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया: यह बैक्टीरिया आमतौर पर अधपके चिकन या गंदे पानी से फैलता है।

  2. गंदा पानी: स्थानीय प्रशासन ने पानी के 160 से ज्यादा नमूने लिए हैं, ताकि संक्रमण का स्रोत पता लगाया जा सके।

  3. खराब स्वच्छता: स्ट्रीट फूड और गंदे पानी से बने खाद्य पदार्थ संक्रमण बढ़ा सकते हैं।

  4. संक्रमित मुर्गे: ग्रामीण चीन में भी इसी बैक्टीरिया के कारण GBS के मामले बढ़े थे, जब बच्चे दूषित पानी में खेलते थे।

कैसे किया जा रहा है इलाज?

GBS का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन उपचार से लक्षणों की गंभीरता कम की जा सकती है। प्रमुख उपचार विधियाँ इस प्रकार हैं:

  1. प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Exchange): इसमें खून से हानिकारक एंटीबॉडी को निकाल दिया जाता है।

  2. IVIG (Intravenous Immunoglobulin) थेरेपी: इसमें रोग से लड़ने वाले अच्छे एंटीबॉडी शरीर में डाले जाते हैं।

  3. फिजियोथेरेपी: मरीज की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है।

  4. वेंटिलेटर सपोर्ट: यदि मरीज को सांस लेने में कठिनाई होती है, तो उसे वेंटिलेटर पर रखा जाता है।

भारत और दुनिया में GBS के मामले

  • 2015 में ब्राज़ील: GBS के मामले जीका वायरस से जुड़े थे।

  • 2023 में पेरू: सात महीनों में 200 से अधिक मामलों के बाद सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया।

  • भारत में: NIMHANS (बेंगलुरु) के अनुसार, 2014-2019 के बीच 150 GBS मामलों में से 79% में संक्रमण के लक्षण मिले।

कैसे बचा जा सकता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने और सुरक्षित खान-पान अपनाने की सलाह दी है। GBS से बचाव के लिए:

  1. खाने से पहले हाथ धोएं।

  2. उबला हुआ या शुद्ध पानी पिएं।

  3. अधपका चिकन या मांस न खाएं।

  4. स्ट्रीट फूड से परहेज करें।

  5. बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सरकार की क्या तैयारी है?

स्वास्थ्य विभाग ने 60,000 से अधिक घरों की निगरानी की है और 160 से ज्यादा पानी के नमूने लिए हैं। लोगों से घबराने के बजाय सतर्क रहने की अपील की गई है।

 

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