Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 25 Jan, 2025 03:44 PM
सरकारी ई-मार्केट (GeM) पोर्टल ने वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जनवरी अवधि में एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस अवधि में GeM पोर्टल के माध्यम से सरकारी मंत्रालयों और विभागों ने लगभग 4 लाख करोड़ रुपये (4 ट्रिलियन रुपये) की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की तुलना...
नेशनल डेस्क: सरकारी ई-मार्केट (GeM) पोर्टल ने वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जनवरी अवधि में एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस अवधि में GeM पोर्टल के माध्यम से सरकारी मंत्रालयों और विभागों ने लगभग 4 लाख करोड़ रुपये (4 ट्रिलियन रुपये) की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों द्वारा बढ़ी हुई खरीद गतिविधियों के कारण संभव हुई है।
GeM पोर्टल की सफलता
GeM पोर्टल, जिसे 9 अगस्त 2016 को लॉन्च किया गया था, ने इस साल सरकारी खरीद में नया रिकॉर्ड बनाया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, 23 जनवरी तक GeM पर कुल 4.09 लाख करोड़ रुपये का सकल वस्तु मूल्य (GMV) दर्ज किया गया है। इसमें से लगभग 2.54 लाख करोड़ रुपये का हिस्सा सेवाओं से संबंधित था, जबकि 1.55 लाख करोड़ रुपये का हिस्सा उत्पादों की खरीद से आया।
नई सेवा श्रेणियों का विस्तार
GeM पोर्टल पर 2024-25 में 19 नई सेवा श्रेणियां जोड़ी गईं हैं, जिससे सरकारी संस्थाओं के लिए और भी अधिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मंत्रालय के मुताबिक, विशेष सेवाओं जैसे डेबिट कार्ड की छपाई, बल्क ईमेल सेवाएं, डार्क फाइबर लीजिंग और डेटा सेंटर के संचालन प्रबंधन जैसी सेवाओं की खरीद को भी इस प्लेटफॉर्म पर जोड़ा गया है, जिससे सरकारी संस्थाओं को विश्वसनीय विक्रेताओं से सामान और सेवाएं प्राप्त करने में सुविधा मिली है।
प्रमुख खरीदार कौन हैं?
GeM पर कोयला, रक्षा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बिजली और इस्पात मंत्रालय शीर्ष पांच खरीदार के रूप में उभरे हैं। इनमें से कोयला मंत्रालय ने सबसे बड़ी खरीदारी की है, जिसमें कोयला सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा 42,000 करोड़ रुपये की 320 से अधिक उच्च-मूल्य बोलियां लगाई गईं हैं। कोयला मंत्रालय का लेनदेन ऑर्डर मूल्य 1.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।
GeM प्लेटफॉर्म पर विक्रेता और खरीदार
GeM पर अब 1.6 लाख से अधिक सरकारी खरीदार और 22.5 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं। यह प्लेटफॉर्म सरकार की खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी, सुलभ और दक्ष बनाता है, जिससे न केवल सरकारी संस्थाओं को लाभ होता है, बल्कि निजी विक्रेताओं को भी मौके मिलते हैं।