बिपिन रावत के निधन के बाद नए CDS के नाम को लेकर चर्चा शुरू, जानिए कौन होगा देश का अगला Chief of Defense Staff!

Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Dec, 2021 03:26 PM

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देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के निधन के बाद जहां पूरे देशभर में शोक की लहर है वहीं इस बीच नए नए Chief of Defense Staff ( CDS) के नाम को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि नए नाम का ऐलान अगले 7 से 10 दिनों में...

नई दिल्ली:  देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के निधन के बाद जहां पूरे देशभर में शोक की लहर है वहीं इस बीच नए नए Chief of Defense Staff ( CDS) के नाम को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि नए नाम का ऐलान अगले 7 से 10 दिनों में किया जा सकता है। नियमों के मुताबिक कोई भी कमांडिंग या फ्लैग ऑफिसर इस पद के लिए योग्य हो सकता हैं।

बता दें कि  जनरल रावत ने जनवरी 2020 में देश के पहले सीडीएस के तौर पर कार्यभार संभाला था। आम तौर पर CDS के पद के लिएआयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित की गई है। पीएम मोदी ने 2019 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में एक सीडीएस की नियुक्ति की घोषणा की थी। CDS सीडीएस के हाथों में तीनों सेना यानि कि वायु सेना, थल सेना, नेवी की कमान होती है।

आपकों बता दें कि CDS की रेस में इस समय सबसे पहला नाम जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का सामने आ रहा है। आईए जानते हैं इनके बारे में-

 जनरल मनोज मुकुंद नरवणे-
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे CDS की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं, फिलहाल इस समय वह चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ हैं। जनरल नरवणे नौसेना और वायु सेना में अपने समकक्षों से वरिष्ठ हैं। 31 दिसंबर, 2019 को 27वें थल सेनाध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने वाले नरवणे ने पहले सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्य किया।
 
कई अहम मोर्चों पर काम कर चुके हैं जनरल मनोज मुकुंद नरवणे-
करीब चार दशकों से अधिक के अपने करियर में, नरवणे ने कई अहम मोर्चों पर काम किया है जिसमें एक  जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व में शांति, क्षेत्र और अत्यधिक सक्रिय उग्रवाद विरोधी माहौल में कई कमांड और स्टाफ नियुक्तियों के लिए काम किया है। इसके अलावा उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर एक पैदल सेना ब्रिगेड की भी कमान संभाली, इतना ही नहीं वह श्रीलंका में भारतीय शांति सेना का भी हिस्सा रह चुके हैं। और तो और  उन्होंने तीन साल तक म्यांमार में भारतीय दूतावास में भारत के डिफेंस अटैची के रूप में काम किया था।

 जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की शिक्षा-
नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं।  उन्होंने रक्षा अध्ययन में मास्टर डिग्री, रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम. फिल डिग्री प्राप्त की है और वर्तमान में अपने डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे हैं.

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