Edited By Utsav Singh,Updated: 25 Nov, 2024 09:03 PM
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 शिवसेना के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। इस चुनाव में एकनाथ शिंदे की शिवसेना को ज्यादा सीटें मिलीं, और उद्धव ठाकरे की पार्टी को बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा। उनके घर मातोश्री के बाहर पोस्टर्स लगाए गए हैं, जिनमें...
नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 शिवसेना के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। उद्धव ठाकरे, जो पहले शिवसेना के प्रमुख थे, अब अपनी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के साथ चुनाव में उतरे थे। चुनाव के नतीजों में सबसे बड़ी जंग एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के बीच थी। हालांकि, इस चुनाव में एकनाथ शिंदे की शिवसेना को ज्यादा सीटें मिलीं, और उद्धव ठाकरे की पार्टी को बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा। उनके घर मातोश्री के बाहर पोस्टर्स लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है: "लड़ते-लड़ते भले ही मैं हारा हूं... लेकिन हारने का मुझे दुःख नहीं है। ये लड़ाई मेरे महाराष्ट्र के लिए है, इस लड़ाई का कोई अंत नहीं है। महाराष्ट्र धर्म की रक्षा के लिए मैं फिर उठूंगा और फिर लडूंगा।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) की हार
उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) केवल 20 सीटें ही जीत पाई, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया। इससे पहले शिवसेना में बड़ी टूट हो चुकी थी, जिसके बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न भी अलग हो गया था। उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर शिवसेना (यूबीटी) रखा था, लेकिन चुनाव में यह रणनीति सफल नहीं रही।
मातोश्री के बाहर पोस्टर्स: "मैं फिर उठूंगा और लडूंगा"
उद्धव ठाकरे ने हार के बावजूद संघर्ष की भावना दिखाई है। उनके घर मातोश्री के बाहर पोस्टर्स लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है: "लड़ते-लड़ते भले ही मैं हारा हूं... लेकिन हारने का मुझे दुःख नहीं है। ये लड़ाई मेरे महाराष्ट्र के लिए है, इस लड़ाई का कोई अंत नहीं है। महाराष्ट्र धर्म की रक्षा के लिए मैं फिर उठूंगा और फिर लडूंगा। जय महाराष्ट्र।" ये पोस्टर्स शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से लगाए गए हैं, जिनमें उद्धव ठाकरे के संघर्ष का संदेश दिया गया है।
चुनाव परिणाम: एकनाथ शिंदे की शिवसेना की जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी लड़ाई एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के बीच थी। चुनाव में शिंदे गुट को 57 सीटें मिलीं, जबकि उद्धव गुट को केवल 29 सीटों पर संतोष करना पड़ा। शिवसेना (शिंदे गुट) ने कुल 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, और उसमें से 57 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) ने कुल 95 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे सिर्फ 29 सीटों पर ही जीत मिल पाई। शिवसेना (यूबीटी) ने 14 सीटों पर शिंदे गुट को हराया, लेकिन बाकी सीटों पर शिंदे की पार्टी को जीत मिली। इस तरह से शिंदे गुट की जीत हुई और ठाकरे गुट को हार का सामना करना पड़ा।
सीटों का बंटवारा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम के अनुसार, महायुति (भा.ज.पा., शिवसेना शिंदे गुट, और अन्य सहयोगी दल) को कुल 132 सीटें मिलीं। इसके अलावा, एनसीपी को 41 सीटें और शिवसेना शिंदे गुट को 57 सीटें मिलीं। वहीं, महाविकास अघाड़ी (जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी शामिल हैं) को 46 सीटें मिलीं। इस गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) को केवल 20 सीटें, कांग्रेस को 16 सीटें और एनसीपी को 10 सीटें मिलीं। बाकी की 12 सीटें अन्य दलों और निर्दलीयों ने जीतीं।
चुनाव परिणाम का विश्लेषण
चुनाव में शिवसेना (शिंदे गुट) का वोट प्रतिशत 12.38% रहा, जबकि शिवसेना (यूबीटी) का वोट प्रतिशत 9.96% था। इन आंकड़ों से साफ है कि शिंदे गुट को जनता का समर्थन ज्यादा मिला, जबकि ठाकरे गुट का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि महाराष्ट्र में सत्ता की जंग को लेकर शिवसेना के भीतर की राजनीति ने बड़ा असर डाला। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को भारी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय अगले चुनाव में फिर से संघर्ष करने का संकल्प लिया है। महाराष्ट्र धर्म की रक्षा की बात करते हुए उद्धव ने संकेत दिए हैं कि उनका राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा।