Edited By Rahul Rana,Updated: 18 Dec, 2024 10:49 AM
गाजियाबाद में इस सीजन की सबसे खराब हवा दर्ज की गई है। भारी स्मॉग के कारण शहर गैस चेंबर में बदल गया है जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
नेशनल डेस्क। गाजियाबाद में इस सीजन की सबसे खराब हवा दर्ज की गई है। भारी स्मॉग के कारण शहर गैस चेंबर में बदल गया है जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
गाजियाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार:
: मंगलवार को गाजियाबाद का एक्यूआई: 403।
: देश का सबसे प्रदूषित शहर: दिल्ली (433 एक्यूआई)।
: इंदिरापुरम: प्रदूषण के मामले में दिल्ली से भी आगे निकल गया जहां एक्यूआई 449 दर्ज किया गया।
एक्यूआई का बढ़ना चिंताजनक
: सोमवार का एक्यूआई: 324।
: मंगलवार को: 125 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 403 पर पहुंच गया।
: जिले के सभी इलाके जहरीली हवा से प्रभावित हैं।
इंदिरापुरम और लोनी सबसे ज्यादा प्रभावित
इंदिरापुरम:
: सोमवार की रात 10 बजे इंदिरापुरम का एक्यूआई 800 के पार पहुँच गया था।
: CPCB के उपकरण 500 के ऊपर एक्यूआई मापने में सक्षम नहीं हैं लेकिन हवा की स्थिति और खराब थी।
लोनी:
: यहां का एक्यूआई 421 दर्ज किया गया।
: अवैध फैक्ट्रियों के कारण लोनी की हवा सबसे ज्यादा खराब होती है।
प्रदूषण रोकने के उपाय नाकाम
: ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।
सड़क पर छिड़काव नहीं:
: सड़कों पर धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा।
अवैध फैक्ट्रियों पर रोक नहीं:
: फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और प्रदूषण बढ़ा रहा है।
अधिकारियों की निष्क्रियता:
: लोग कह रहे हैं कि अगर अधिकारी जिम्मेदारी से काम करें तो प्रदूषण का स्तर इतना नहीं बढ़ता।
लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं
प्रदूषण बढ़ने से लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं:
: सांस लेने में परेशानी।
: आंखों में जलन।
: गले में खराश।
: बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और खतरनाक है।
आगे की राह: क्या किया जा सकता है?
सख्ती से GRAP लागू करना:
: निर्माण कार्यों पर रोक।
: सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव।
: अवैध फैक्ट्रियों को बंद करना।
जागरूकता फैलाना:
: लोगों को निजी गाड़ियों का कम इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना।
: प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को रोकना।
सरकार और जनता की साझेदारी:
: प्रशासन को प्रदूषण कम करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
: जनता भी अपने स्तर पर प्रयास करे।
अंत में कहा जा सकता है कि गाजियाबाद में प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक हो चुकी है। अधिकारियों की लापरवाही और ठोस कदमों की कमी के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अगर समय रहते प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह संकट और भी गंभीर हो सकता है। जनता और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा ताकि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।