Edited By Parminder Kaur,Updated: 22 Dec, 2024 03:47 PM
भारत में अक्सर यह देखा जाता है कि बेटियों को कई घरों में बोझ माना जाता है। हालांकि, अब समाज और परिवारों की सोच में बदलाव आ रहा है। अब लोग अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वह किसी पर बोझ न बने। ऐसा ही एक अनोखा उदाहरण...
नेशनल डेस्क. भारत में अक्सर यह देखा जाता है कि बेटियों को कई घरों में बोझ माना जाता है। हालांकि, अब समाज और परिवारों की सोच में बदलाव आ रहा है। अब लोग अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वह किसी पर बोझ न बने। ऐसा ही एक अनोखा उदाहरण गाजियाबाद जिले के कुसलिया गांव से सामने आया है, जहां एक किसान ने अपनी बेटी को गिफ्ट में महंगी गाड़ी देने की बजाय एक ट्रैक्टर दिया है।
गिफ्ट में ट्रैक्टर देने की अनोखी पहल
गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के कुसलिया गांव के किसान सकील बेग ने हाल ही में अपनी बेटी की शादी की। इस शादी में उन्होंने अपनी बेटी को गिफ्ट में ट्रैक्टर दिया, जो कि आमतौर पर किसी शादी में महंगी गाड़ी देने की परंपरा के विपरीत था। सकील बेग ने बताया कि उनका उद्देश्य था कि उनकी बेटी ससुराल में किसी पर बोझ न बने और वह आत्मनिर्भर बने। उनकी बेटी का ससुराल पक्ष भी किसान है। इसलिए परिवार के सभी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करके उन्होंने यह फैसला लिया।
सकील बेग के इस फैसले को क्षेत्र और समाज में बहुत सराहा जा रहा है। उनके परिवार के सदस्य भी इस निर्णय से खुश हैं। परिवार के सदस्य हुमायूं मिर्जा ने इस पहल को बहुत सकारात्मक बताया और कहा कि यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एक किसान अपने परिवार की जरूरतों को समझते हुए सही निर्णय लेता है।
नई सोच का आह्वान
इस फैसले ने न केवल कुसलिया गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र और समाज में एक नई सोच को बढ़ावा दिया है। यह पहल इस बात को साबित करती है कि दिखावा करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है व्यावहारिकता। समाज में यह सोच विकसित हो रही है कि बेटियों को भी आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना जरूरी है, ताकि वे अपने परिवार और समाज में किसी पर बोझ न बने। सकील बेग का यह कदम इस बात का प्रतीक है कि परिवार और समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।