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तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण  पर अमेरिकी विदेश मंत्री  बोले- 26/11 हमले के पीड़ितों के लिए न्याय का समय आ गया

Edited By Tanuja,Updated: 12 Apr, 2025 05:18 PM

glad that day has come us secretary on justice for 26 11 victims

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका 26/11 मुंबई हमलों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लंबे समय से प्रयास करते आ रहे हैं ...

New York: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका 26/11 मुंबई हमलों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लंबे समय से प्रयास करते आ रहे हैं और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के साथ ही वह दिन आ गया है। रूबियो ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “हमने तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किया है, ताकि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की साजिश में भूमिका के लिए उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। हम उन हमलों में जान गंवाने वाले छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों को न्याय दिलाने के लिए भारत के साथ मिलकर लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि वह दिन आ गया है।”

 

इससे पहले बृहस्पतिवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमलों ने पूरे विश्व को झकझोर दिया था और अमेरिका इनके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन करता रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका ने 64 वर्षीय राणा को ‘‘2008 के भयानक आतंकवादी हमलों के षड्यंत्र में उसकी भूमिका के कारण न्याय का सामना करने के लिए'' नौ अप्रैल को भारत प्रत्यर्पित किया। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका ने इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन किया है और जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है, अमेरिका और भारत आतंकवाद के वैश्विक संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।''

 

उन्होंने बताया कि राणा ‘‘भारत के कब्जे में है और हमें इस मामले में हुई प्रगति पर गर्व है।'' ब्रूस ने कहा कि कुछ लोगों को शायद वे हमले याद न हों, जिनमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की दुखद मौत हो गई थी और इन हमलों ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको यह देखने और यह समझने के लिए प्रोत्साहित करती हूं कि आज की स्थिति के लिहाज से यह कितना भयानक हमला था।'' इससे पहले, अमेरिकी न्याय मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई' से कहा था कि राणा का प्रत्यर्पण इस बर्बर हमले के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम'' है। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने राणा को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया।

 

प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो बर्बर हमलों में मारे गए थे।'' राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने मुंबई हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को शुक्रवार को 18 दिन की हिरासत में ले लिया। उससे 26/11 के आतंकवादी हमले की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए विस्तार से पूछताछ की जाएगी। राणा को अमेरिका से बृहस्पतिवार को भारत लाया गया और नयी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर पहुंचने पर औपचारिक रूप से उसे गिरफ्तार करने के बाद पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने बृहस्पतिवार देर रात राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद उसे भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पटियाला हाउस अदालत परिसर से एनआईए मुख्यालय लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि राणा को यहां सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित आतंकवाद निरोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक बेहद सुरक्षित कोठरी में रखा जाएगा। 

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