Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Apr, 2025 11:17 AM
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है। अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चला आ रहा टैरिफ वॉर अब खत्म होने की कगार पर नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि बीजिंग के साथ व्यापार वार्ता सही दिशा में आगे...
नेशनल डेस्क: वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है। अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चला आ रहा टैरिफ वॉर अब खत्म होने की कगार पर नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि बीजिंग के साथ व्यापार वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है और दोनों देश टैरिफ डील के बेहद करीब हैं। इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हलचल तेज हो गई है। खासतौर पर शेयर बाजारों में उम्मीदों की लहर दौड़ गई है, लेकिन सोने में निवेश करने वालों को सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि ट्रेड डील का असर सीधे तौर पर सोने की कीमतों पर पड़ सकता है।
ट्रेड डील का क्या होगा असर?
अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौता हो जाता है, तो इसका मतलब होगा कि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता घटेगी। जब बाजार स्थिर होते हैं, तो निवेशक सेफ हेवेन जैसे सोना छोड़कर जोखिम भरे निवेश, जैसे कि स्टॉक्स, की ओर रुख करते हैं।
कितना सस्ता हो सकता है सोना?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह डील हो जाती है, तो सोने में मुनाफावसूली शुरू हो सकती है। अनुमान है कि सोने की कीमतें 83,700 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती हैं। फिलहाल सोना 89700 ($3080), 89,700 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है और उसमें 86,500 ($2975), और 83,700 ($2865) रुपये के स्तरों पर मजबूत समर्थन बना हुआ है। यानी गिरावट होने पर भी ये लेवल सोने की गिरावट को रोक सकते हैं।
क्या सोना अब भी अच्छा निवेश है?
एक्सपर्ट के मुताबिक, भले ही ट्रेड डील सोने को कमजोर कर सकती है, लेकिन बढ़ती महंगाई, अर्थिक अस्थिरता और भूराजनैतिक तनाव के चलते सोना अब भी एक मजबूत निवेश विकल्प बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना, कमजोर डॉलर और केंद्रीय बैंकों की सोने की लगातार खरीदारी से इसकी कीमतों को समर्थन मिलता रहेगा।