Edited By Tanuja,Updated: 11 Aug, 2024 03:26 PM
बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को हिला दिया है। हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ...
International Desk: बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को हिला दिया है। हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना, धार्मिक स्थलों पर हमले, और शारीरिक हिंसा शामिल है। इस हिंसा का विरोध करते हुए, ब्रिटेन (Britain) और अमेरिका (USA) में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। लंदन में, प्रदर्शनकारियों ने हाउस ऑफ पार्लियामेंट के सामने जमा होकर, "सेव हिंदुस", 'हिंदू लाइफ मैटर्स' और "न्याय दो" जैसे स्लोगन लिखे हुए प्लेकार्ड लहराए। उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की।
अमेरिका में भी, व्हाइट हाउस के सामने लोगों ने प्रदर्शन किया। वहां के प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की और अमेरिकी सरकार से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की। इन प्रदर्शनों में विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोगों ने भाग लिया, जो एकजुटता और मानवाधिकार की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठा रहे थे। इन प्रदर्शनों का मुख्य कारण बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता है।
शेख हसीना ने 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जो बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को और भी जटिल बना देता है। हसीना का इस्तीफा, उनके खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक दबावों के बीच आया है। इससे देश की राजनीतिक स्थिरता और अधिक प्रभावित हुई है, और इसे लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ गई है।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने भी बांग्लादेश में हो रही हिंसा की निंदा की है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। इन घटनाओं ने वैश्विक स्तर पर न्याय और मानवाधिकार के मुद्दे को फिर से ध्यान में लाया है, और ये प्रदर्शन दर्शाते हैं कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ऐसे मुद्दों पर एकजुट हो सकता है।