Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Jan, 2025 08:59 AM
भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक रैंकिंग में सुधार के बावजूद, वीजा मिलने में भारतीयों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक साल में वीजा अस्वीकृत होने के कारण भारतीय नागरिकों को 662 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया,...
नेशनल डेस्क: भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक रैंकिंग में सुधार के बावजूद, वीजा मिलने में भारतीयों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक साल में वीजा अस्वीकृत होने के कारण भारतीय नागरिकों को 662 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोपीय यूनियन (EU) जैसे देशों में वीजा अस्वीकृति की दर सबसे ज्यादा रही। इसके अलावा, भारतीय पर्यटकों के बीच लोकप्रिय यूएई ने भी वीजा नियमों को कड़ा कर दिया है, जिससे अस्वीकृति दर में तेजी आई है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन इससे वीजा अस्वीकृति के मामलों में कोई खास बदलाव नहीं आया है। वीजा रद्द होने की वजह से भारतीयों को आवेदन शुल्क, बुक किए गए होटल, यात्रा टिकट और बीमा जैसी सेवाओं का रिफंड नहीं मिलता, जिससे आर्थिक नुकसान बढ़ जाता है।
मुख्य आंकड़े:
-
ऑस्ट्रेलिया:
कुल आवेदन: 3,77,614
स्वीकृत: 2,61,857
अस्वीकृत: 1,15,757
नुकसान: ₹93 करोड़
-
न्यूजीलैंड:
कुल आवेदन: 1,03,911
स्वीकृत: 70,197
अस्वीकृत: 33,714
नुकसान: ₹72 करोड़
-
अमरीका:
कुल आवेदन: 11,47,217
स्वीकृत: 9,86,259
अस्वीकृत: 1,60,958
नुकसान: ₹257 करोड़
-
यूरोपीय यूनियन (EU):
कुल आवेदन: 9,66,687
स्वीकृत: 8,11,290
अस्वीकृत: 1,51,752
नुकसान: ₹124 करोड़
वीजा अस्वीकृति दर (2024):
- न्यूजीलैंड: 32.45%
- ऑस्ट्रेलिया: 30%
- यूके: 17%
- अमरीका: 16.32%
- ईयू: 15.7%
प्रभाव:
वीजा न मिलने से भारतीय यात्रियों को न केवल यात्रा योजनाओं में रुकावट का सामना करना पड़ता है, बल्कि वित्तीय नुकसान भी होता है। इसके चलते भारतीय पर्यटकों की यात्रा की प्राथमिकताओं पर असर पड़ रहा है।