Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Nov, 2024 01:59 PM
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद न्यूयॉर्क कमोडिटी एक्सचेंज (COMEX) पर सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई। सोना लगभग 2.75% गिरकर $2672 प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि चांदी $31.35 प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। पिछले हफ्ते...
नेशनल डेस्क: बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद न्यूयॉर्क कमोडिटी एक्सचेंज (COMEX) पर सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई। सोना लगभग 2.75% गिरकर $2672 प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि चांदी $31.35 प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। पिछले हफ्ते सोना $2800 के उच्चतम स्तर पर था, जिससे यह अब तक $130 तक लुढ़क चुका है।
फेडरल रिजर्व का प्रभाव:
निवेशकों की नजर फिलहाल फेडरल रिजर्व के फैसलों पर है, जो ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो सोने की कीमतों में वृद्धि की संभावना है क्योंकि ब्याज दरों में कटौती से बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में नकदी का प्रवाह बढ़ने के कारण सोने में निवेश भी बढ़ सकता है, जिससे सोने की कीमतें मजबूत हो सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय तनाव और सोने का भविष्य:
हांगकांग में विंग फंग प्रेशियस मेटल्स के डीलिंग प्रमुख पीटर फंग के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्य एशिया में ईरान और इज़राइल के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। यदि यह तनाव बढ़ता है, तो सोना सुरक्षित निवेश के रूप में और अधिक आकर्षक हो जाएगा, जिससे इसकी कीमतों में इजाफा हो सकता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सोने का भविष्य:
ज्योतिषी नरेश कुमार का मानना है कि बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में वक्री अवस्था में हैं, जो सोने के उतार-चढ़ाव का कारक है। उनके अनुसार, 4 फरवरी के बाद बृहस्पति के मार्गी होने पर सोने की कीमतों में स्थिरता आ सकती है। लेकिन, लंबी अवधि में सोने की कीमतों में वृद्धि की संभावनाएं बनी रहेंगी।
सोने की कीमतों में फिलहाल उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों पर फैसला, अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक स्थिति और बृहस्पति की स्थिति आने वाले समय में सोने के मूल्य को प्रभावित कर सकती है। लंबी अवधि में सोने में निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि विशेषज्ञों और ज्योतिषियों की राय में सोने की कीमतों में स्थिर वृद्धि के संकेत हैं।