Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Nov, 2024 08:37 PM
सोने और चांदी की कीमतों में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। MCX पर सोने-चांदी की कीमतों की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी में 99.9% शुद्धता वाले सोने की कीमत ₹1800 की गिरावट के साथ...
नेशनल डेस्क: शादियों के सीजन के बीच सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है, जो ग्राहकों और निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। MCX (मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोना ₹1900 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹2,500 प्रति किलोग्राम तक सस्ती हो गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव
कॉमैक्स (COMEX) में सोने की कीमतों में 2.75% की गिरावट के चलते भारतीय बाजारों में भी इसका प्रभाव पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह गिरावट मुख्य रूप से निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली और कमजोर मांग के कारण आई है।
स्पॉट मार्केट का असर
मंगलवार को भारतीय स्पॉट मार्केट में भी इस गिरावट का असर देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जारी रहा तो आगामी दिनों में और भी कीमतें घट सकती हैं, खासकर शादियों के मौसम में मांग को बढ़ावा देने के लिए।
ग्राहकों के लिए मौका
शादियों के लिए गहनों की खरीदारी करने वालों को इस गिरावट से बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, यह समय निवेशकों के लिए भी अच्छा मौका हो सकता है, क्योंकि कीमतें कम होने पर खरीदारी से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
मुख्य कारण
एक्सपर्ट के अनुसार, भू-राजनीतिक तनावों में कमी के कारण सोने की कीमतों में तेजी बनी नहीं रह सकी। इसके अतिरिक्त, पिछले सप्ताह कीमतों में आई तेज उछाल के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी, जिससे लंबी अवधि के सौदों का निपटान हुआ।
वैश्विक बाजारों में स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजार में, कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स 1.49% गिरकर $2,696.40 प्रति औंस पर पहुंच गया। विश्लेषकों ने बताया कि रूस-यूक्रेन संकट के कारण पिछले सप्ताह सोने में लगभग 6% की तेजी आई थी, लेकिन अब मुनाफावसूली के चलते गिरावट देखने को मिल रही है। एशियाई बाजार में चांदी की कीमत भी 1.7% गिरकर $31.24 प्रति औंस पर रही। विश्लेषकों के अनुसार, आगे की कीमतें अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों और वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करेंगी। आगे की कीमतों का निर्धारण फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के ब्योरे और साप्ताहिक बेरोजगारी के दावों पर निर्भर करेगा। ये कारक निवेशकों को संकेत देंगे कि अमेरिकी डॉलर और ब्याज दरों में कैसा रुख रहेगा, जिससे सोने की मांग प्रभावित हो सकती है।