Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Jan, 2025 11:21 AM
5 फरवरी 2025 के अनुबंध के लिए सोने और चांदी की वायदा कीमतों में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। घरेलू बाजार में एमसीएक्स (MCX) पर, सोने की कीमतों में 0.23% की गिरावट हुई। सुबह 10:05 बजे प्रति 10 ग्राम सोना 79,843 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह,...
नेशनल डेस्क: 5 फरवरी 2025 के अनुबंध के लिए सोने और चांदी की वायदा कीमतों में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। घरेलू बाजार में एमसीएक्स (MCX) पर, सोने की कीमतों में 0.23% की गिरावट हुई। सुबह 10:05 बजे प्रति 10 ग्राम सोना 79,843 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, चांदी की वायदा कीमतों में 1.04% की गिरावट देखी गई।
सुबह के Session में सोने और चांदी का प्रदर्शन
सोने की कीमतों ने दिन की शुरुआत 79,859 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर की, लेकिन कुछ ही मिनटों में 79,765 रुपये का इंट्राडे निचला स्तर छू लिया। पिछले शुक्रवार को सोने ने 80,312 रुपये के रिकॉर्ड स्तर को छुआ था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में, हाजिर सोने की कीमतें 2,761 डॉलर प्रति औंस और COMEX पर 2,794 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस दर्ज की गईं। चांदी की कीमतों में भी कमजोरी दर्ज हुई, जिसमें अमेरिकी डॉलर की मजबूती और निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली का प्रभाव नजर आया।
जानकारों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी डॉलर की दरों में हालिया सुधार और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतों में अस्थिरता बनी रहेगी। हालांकि, समग्र दृष्टिकोण अभी भी पॉजिटिव है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आसपास अनिश्चितताएं, बढ़ते टैरिफ युद्ध और वैश्विक आर्थिक तनाव सोने को निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाए रख सकते हैं।
पिछले वर्ष की तुलना में प्रदर्शन
2024 में सोने की कीमतों ने वित्तीय विश्लेषकों के पूर्वानुमानों को पार कर दिया, और इसकी कीमत में 27% की उछाल आई। जानकारों का मानना है कि 2025 में भी सोना अपनी बढ़त को बनाए रख सकता है।
सोने और चांदी के भाव में उतार-चढ़ाव के पीछे कारण
- डॉलर की मजबूती: अमेरिकी डॉलर पांच सप्ताह के निचले स्तर से वापस उभरा, जिससे सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव पड़ा।
- मुनाफावसूली: पिछले सप्ताह उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए अपनी होल्डिंग्स को बेचना शुरू किया।
निवेशकों के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का कहना है कि सोना और चांदी दोनों ही दीर्घकालिक निवेश के लिए फायदेमंद बने रहेंगे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते ये दोनों धातुएं सुरक्षित निवेश का विकल्प बनी रहेंगी।