Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Jan, 2025 09:01 PM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ के एक दिन के बाद दिल्ली सर्राफा बाजार में गोल्ड की कीमतों में मंगलवार को इजाफा देखा गया है, जिससे सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच गई हैं।
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ के एक दिन के बाद दिल्ली सर्राफा बाजार में गोल्ड की कीमतों में मंगलवार को इजाफा देखा गया है, जिससे सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच गई हैं। इसके अलावा, देश के वायदा बाजार में भी गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि वैश्विक बाजार में गोल्ड की कीमतों में गिरावट आई है।
दिल्ली में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी
ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार को सोने की कीमतें 100 रुपए बढ़कर 82,100 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गईं। सोमवार को यह कीमत 82,000 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। वहीं, 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 100 रुपए बढ़कर 81,700 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। इससे दिल्ली में गोल्ड के दाम रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच गए हैं। हालांकि, चांदी की कीमत 93,000 रुपए प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही।
एमसीएक्स पर भी सोने की कीमतों में तेजी
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर फरवरी डिलीवरी वाले सोने का अनुबंध 426 रुपए या 0.54% की तेजी के साथ 78,970 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं, मार्च डिलीवरी के लिए चांदी वायदा 188 रुपए या 0.21% बढ़कर 91,630 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई।
सोने की कीमतें बढ़ने का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह बढ़ोतरी वैश्विक व्यापार युद्ध के बढ़ते चिंताओं के कारण हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मैक्सिको और कनाडा से आयात पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा के बाद व्यापारिक अनिश्चितता बढ़ी, जिससे सोने की कीमतों में इजाफा हुआ।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें गिरकर 2,730.50 डॉलर प्रति औंस हो गईं, जो 0.66% की गिरावट दर्शाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना और ट्रंप की टैरिफ टिप्पणी से वैश्विक व्यापार युद्ध का खतरा और बढ़ा है, जिसके कारण सराफा बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
विशेषज्ञों का कहना
एचडीएफसी के कमोडिटी सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का कहना है कि फिलहाल कोई बड़ा आर्थिक डेटा नहीं आया है, लेकिन व्यापारियों की निगाहें ट्रंप और उनके नीतिगत कदमों पर बनी हुई हैं। मोतीलाल ओसवाल के कमोडिटी रिसर्च विश्लेषक मानव मोदी का कहना है कि दावोस में चल रही बैठक के बाद बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है, और अमेरिकी बाजार की छुट्टियों के बाद उतार-चढ़ाव भी बढ़ सकता है।