Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Apr, 2025 02:41 PM
भारत में गोल्ड लोन सेक्टर इन दिनों कई बड़े बदलावों का सामना कर रहा है, खासकर आरबीआई द्वारा नए नियमों के प्रस्ताव के बाद। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में इस बारे में जानकारी दी, जिससे गोल्ड लोन से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी...
नेशनल डेस्क: भारत में गोल्ड लोन सेक्टर इन दिनों कई बड़े बदलावों का सामना कर रहा है, खासकर आरबीआई द्वारा नए नियमों के प्रस्ताव के बाद। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में इस बारे में जानकारी दी, जिससे गोल्ड लोन से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है। उनकी बातों से यह साफ हुआ कि जल्द ही गोल्ड लोन के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे, जिनका सीधा असर बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) पर पड़ेगा।
आरबीआई के नए नियमों का असर
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब गोल्ड लोन देने वाली सभी संस्थाओं के लिए समान और व्यापक नियम बनाए जाएंगे। इससे यह संकेत मिलता है कि गोल्ड लोन के नियम पहले से अधिक सख्त हो सकते हैं। पिछले महीने ही आरबीआई ने गोल्ड लोन से संबंधित बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर नियमों को कड़ा करने पर विचार करने की बात कही थी।
कंपनियों के शेयरों में गिरावट
आरबीआई गवर्नर के इस बयान के बाद गोल्ड लोन देने वाली प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। मुथूट फाइनेंस के शेयरों में 5.29% की गिरावट आई, वहीं IIFL फाइनेंस और मन्नापुरम फाइनेंस के शेयर भी क्रमशः 2.19% और 1.58% घटे। इस खबर के बाद और जब नए नियम लागू होंगे, तो इन कंपनियों के शेयर और भी नीचे गिर सकते हैं।
नए नियमों के उद्देश्य
आरबीआई गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों की बैकग्राउंड जांच को और सख्त करना चाहता है। इसके अलावा, गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों को सोने के स्वामित्व की सटीक जानकारी हासिल करने और ऋण के उपयोग की निगरानी करने की भी निर्देश दिया जा सकता है।
आरबीआई की चिंताएँ
आरबीआई ने पाया है कि कई गोल्ड लोन कंपनियां मानक नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। पिछले कुछ महीनों में किए गए ऑडिट्स में यह सामने आया कि गोल्ड लोन की सोर्सिंग और वैल्यूएशन में कई खामियां पाई गई हैं। यहां तक कि कई कंपनियों ने बिना ग्राहकों की जानकारी के उनका सोना नीलाम कर दिया।
आरबीआई का यह कदम वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने और अनैतिक प्रथाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इसके साथ ही, गोल्ड लोन सेक्टर को और अधिक व्यवस्थित करने की कोशिश की जा रही है, ताकि भविष्य में इस सेक्टर में कोई भी असमानता न हो।