Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Jan, 2025 12:13 PM
सोना 2025 में भी निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प बना रहेगा। बीते वर्ष सोने ने 20% से अधिक रिटर्न दिया और इस वर्ष भी यही रुझान जारी रहने की उम्मीद है। वैश्विक अनिश्चितताएं, भू-राजनीतिक तनाव, और केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी इसे समर्थन दे रही हैं।
नेशनल डेस्क: सोना 2025 में भी निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प बना रहेगा। बीते वर्ष सोने ने 20% से अधिक रिटर्न दिया और इस वर्ष भी यही रुझान जारी रहने की उम्मीद है। वैश्विक अनिश्चितताएं, भू-राजनीतिक तनाव, और केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी इसे समर्थन दे रही हैं।
सोने की कीमतों में तेजी के प्रमुख कारण
वैश्विक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता: मौजूदा भू-राजनीतिक संघर्ष और संभावित तनाव वृद्धि ने सोने को सुरक्षित निवेश का प्रमुख विकल्प बना दिया है। अमेरिका की आर्थिक नीतियों में अनिश्चितता और ट्रम्प प्रशासन के आक्रामक रुख से सोने की मांग और बढ़ रही है।
भारत जैसे बाजारों में बढ़ती मांग:
भारत में वित्त वर्ष 2024 के दौरान सोने के आयात में 9% की कटौती के बावजूद आभूषणों की मांग 18% बढ़ी। वित्त वर्ष 2025 में यह मांग 14-18% तक बढ़ने की उम्मीद है। टियर 2 और टियर 3 शहरों में संगठित आभूषण बाजार का विस्तार हो रहा है।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी:
उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक सक्रिय रूप से अपने सोने के भंडार बढ़ा रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों को मजबूती मिल रही है।
गोल्ड लोन में अभूतपूर्व वृद्धि:
बीते साल गोल्ड लोन 56% बढ़कर 1.54 लाख करोड़ तक पहुंच गया। 2025 में यह आंकड़ा सात गुना बढ़कर 10 लाख करोड़ के पार जा सकता है।
कीमतों का अनुमान
एमसीएक्स (वायदा बाजार) में सोने की कीमतें 2025 में 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना है।
उद्योग का विस्तार और संभावनाएं
भारत का ब्रांडेड आभूषण बाजार 2025 में सालाना आधार पर 18-20% राजस्व वृद्धि दर्ज कर सकता है।
निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए यह वर्ष सोने के बाजार में सुनहरे अवसर प्रदान कर सकता है।
सोने की स्थिरता और बढ़ते रुझान को देखते हुए यह स्पष्ट है कि 2025 भी सोने के लिए एक और सुनहरा साल साबित होगा।