Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Feb, 2025 10:28 AM
सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिससे निवेशकों और खरीदारों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या इस साल भी सोने के दाम तेजी से बढ़ेंगे? या किसी बड़ी गिरावट की संभावना है? हाल ही में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने इन...
नेशनल डेस्क: सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिससे निवेशकों और खरीदारों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या इस साल भी सोने के दाम तेजी से बढ़ेंगे? या किसी बड़ी गिरावट की संभावना है? हाल ही में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने इन अटकलों को और हवा दे दी है। सर्वे के अनुसार, 2025 में सोने की कीमतों में गिरावट और चांदी की कीमतों में उछाल आने की संभावना जताई गई है। हालांकि, मौजूदा आंकड़ों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में मजबूती जारी रह सकती है।
लगातार बढ़ रही कीमतें
इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 31 जनवरी को 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 82,086 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो 4 फरवरी तक बढ़कर 83,010 रुपये के पार पहुंच गई। यानी महज चार दिनों में 1,000 रुपये से अधिक की बढ़त दर्ज की गई। आज भी सोने के दाम में तेजी बनी हुई है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस बार सोने की कीमतों में उतनी तेज़ बढ़ोतरी नहीं देखी गई है।
क्या इस साल सोना और महंगा होगा?
1 फरवरी को पेश हुए आम बजट 2025 में यदि सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया जाता, तो कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि सोने के दामों में कोई गिरावट आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में अभी और बढ़ोतरी के पूरे आसार हैं।
क्या अंतरराष्ट्रीय घटनाएं कीमतों को प्रभावित करेंगी?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रही अर्थव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ सकता है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण पहले भी सोने की कीमतें प्रभावित हुई थीं। जब कनाडा, मेक्सिको और चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया, तो गोल्ड के दाम चढ़ गए थे।
- चीन ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक तनाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे मुद्रास्फीति और अस्थिरता बढ़ेगी, जिससे सोने की मांग भी बढ़ेगी।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए सोने में तेजी का अनुमान लगाया जा सकता है। ऐसे में हर गिरावट पर निवेश करना एक बेहतर रणनीति हो सकती है। हालांकि, बढ़ती कीमतों का असर ज्वेलरी मार्केट पर भी पड़ सकता है।
कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें?
सोने की कीमत केवल मांग और आपूर्ति पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, मुद्रास्फीति, डॉलर की स्थिति और वैश्विक बाजारों में हो रही गतिविधियों से भी प्रभावित होती है।
- लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा यूएस डॉलर में सोने की कीमतें तय की जाती हैं, जो वैश्विक बाजार में बेंचमार्क मानी जाती हैं।
- भारत में इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA), आयात शुल्क और अन्य टैक्स जोड़कर तय करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस कीमत पर मिलेगा।