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Gold Price Hike: 2025 में सोने के दाम ने पकड़ी रफ्तार, लाख रुपये तक पहुँचने की संभावना?

Edited By Mahima,Updated: 18 Mar, 2025 01:00 PM

gold prices pick up pace in 2025

2025 में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं, जो 12,000 रुपये तक बढ़ी हैं। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, अमेरिकी नीतियों, और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी के कारण सोने की कीमत 90,750 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। इसी तरह,...

नेशनल डेस्क: 2025 में सोने के दाम ने एक नया इतिहास रच दिया है। इस साल अब तक सोने की कीमतें लगभग 12,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ चुकी हैं, जिससे सोने की कीमत 90,750 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह वृद्धि कई वैश्विक आर्थिक कारणों, व्यापारिक तनावों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति में ढील की बढ़ती उम्मीदों के कारण हुई है। 

क्या हैं सोने की कीमतों में उछाल के कारण?
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,300 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़कर 90,750 रुपये पर पहुंच गई है, जबकि पिछला कारोबारी सत्र इसे 89,450 रुपये पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-संपत्ति सौमिल गांधी के अनुसार, इस रिकॉर्ड वृद्धि में कई कारकों का योगदान है। इनमें प्रमुख हैं केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियां, जिनके कारण सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग में वृद्धि हुई है। सोने की कीमतों में यह वृद्धि 2025 के पहले तीन महीनों में देखी गई है। 1 जनवरी को सोने की कीमत 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, और अब वह बढ़कर 90,750 रुपये तक पहुंच गई है, जो कि 14.31 प्रतिशत की बढ़त है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वृद्धि वैश्विक वित्तीय अस्थिरता, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना, और प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी में वृद्धि के कारण हुई है।

चांदी की कीमतों में भी इज़ाफा
चांदी की कीमतों में भी सोने के साथ-साथ वृद्धि देखी गई है। चांदी की कीमत 1,300 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 1,02,500 रुपये प्रति किलोग्राम के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जबकि पिछले सत्र में चांदी 1,01,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। यह संकेत है कि सोने और चांदी की कीमतों में समान रूप से वृद्धि हो रही है, जो इस समय की आर्थिक स्थिति और निवेशकों की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में उछाल देखा गया है। हाजिर सोना 14.48 डॉलर बढ़कर 2,998.90 डॉलर प्रति औंस हो गया है। 14 मार्च को सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया था और इसने 3,017.10 डॉलर प्रति औंस का नया रिकॉर्ड उच्च स्तर छुआ। यह वृद्धि वैश्विक आर्थिक दबाव, मुद्रास्फीति की चिंता और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव जैसी परिस्थितियों के कारण हो रही है।

क्या हैं सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे के कारण?

1. मुद्रास्फीति और ब्याज दरें: विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की संभावना है। जैसे-जैसे मुद्रास्फीति घट रही है, फेडरल रिजर्व द्वारा और दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ रही हैं, जिससे सोने की कीमतों को मजबूती मिल रही है। 

2. भू-राजनीतिक जोखिम: इस समय वैश्विक राजनीतिक तनाव भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है। अमेरिका और यमन के हूतियों के बीच जारी संघर्ष ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया है। अमेरिका ने यह स्पष्ट किया है कि वह तब तक हमले जारी रखेगा जब तक कि हूती यमन में लाल सागर में जहाजों पर हमले नहीं रोकते। 

3. सुरक्षित निवेश की ओर रुझान: व्यापारिक तनावों और वैश्विक अस्थिरता के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प की ओर बढ़ रहे हैं, और सोना एक प्रमुख सुरक्षित निवेश माना जाता है। इस कारण से सोने की मांग में वृद्धि हो रही है, जिससे उसकी कीमतों में उछाल आ रहा है। 

4. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: कई केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे सोने की कीमतें और भी बढ़ रही हैं। जब कोई केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी करता है, तो यह वैश्विक स्तर पर सोने की मांग को बढ़ाता है, और इससे कीमतें ऊंची जाती हैं।

क्या आगे सोने की कीमतें लाख रुपये के पार जाएंगी?
वर्तमान वैश्विक स्थिति को देखते हुए, सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है। यदि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव जारी रहते हैं, तो सोने की कीमतें लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, यह अनुमान निवेशकों की रणनीतियों, केंद्रीय बैंकों की नीतियों और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा। 2025 में सोने की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है और इसके बढ़ने के और भी संकेत हैं। वैश्विक आर्थिक संकट, अमेरिकी नीतियां, और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी से सोने और चांदी की कीमतों में निरंतर वृद्धि हो रही है। अब सवाल यह है कि क्या सोना भविष्य में लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है, और यह वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करेगा।

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