Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Dec, 2024 08:56 AM
2025 में सोने और चांदी की कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना है, और यह वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया के अनुसार, सोने की कीमतों में आने वाली तेजी जारी रह सकती है, और घरेलू बाजार में सोने...
नेशनल डेस्क: 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना है, और यह वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया के अनुसार, सोने की कीमतों में आने वाली तेजी जारी रह सकती है, और घरेलू बाजार में सोने की कीमत 80,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकती है। वहीं, 2025 तक यह 85,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकती है। इंटरनेशनल मार्केट में भी कई रिपोर्ट्स के अनुसार, गोल्ड की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है।
क्यों बढ़ सकता है सोने का दाम?
अजय केडिया के अनुसार, गोल्ड की कीमतों पर कई फैक्टर असर डाल सकते हैं। इनमें जियो-पॉलिटिकल रिस्क, सेंट्रल बैंकों की बढ़ती डिमांड, मौद्रिक नीति और बड़े बाजारों में आम आदमी की बढ़ती डिमांड शामिल हैं।
क्या गोल्ड 1 लाख रुपये तक जाएगा?
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचती है, तो घरेलू बाजार में सोने का भाव 92,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकता है।
इन कारणों से बढ़ सकती है कीमत
सोने की कीमतों पर जियोपॉलिटिकल तनाव, जैसे कि मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर रहेगा। साथ ही, अगर अमेरिका में ट्रेड वॉर बढ़ती है तो सोने की कीमतों में तेजी आ सकती है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कमी और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी भी सोने की कीमतों पर असर डाल सकती है।
भारत के रिजर्व बैंक ने भी अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाया है, जो महंगाई और करेंसी स्टेबिलिटी के लिए किया गया है। इसके अलावा, भारतीय ज्वेलरी कंपनियां 2025 में 16-18% नेटवर्क विस्तार की योजना बना रही हैं, जिससे सोने की डिमांड और बढ़ सकती है।