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Gold prices MCX: सोने की कीमतों ने बनाया नया रिकॉर्ड, भारत में गोल्ड का भंडार दुनिया में सबसे ज्यादा

Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Feb, 2025 05:58 PM

gold prices spot market gold 10 grams  mcx

भारत में सोने की कीमतें लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। स्पॉट मार्केट में सोना 86,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है, जबकि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में यह 85,000 रुपये से ऊपर ट्रेड कर रहा है। बढ़ती कीमतों के बीच, भारत में सोने का...

नेशनल डेस्क: भारत में सोने की कीमतें लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। स्पॉट मार्केट में सोना 86,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है, जबकि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में यह 85,000 रुपये से ऊपर ट्रेड कर रहा है। बढ़ती कीमतों के बीच, भारत में सोने का भंडार और इसके आर्थिक प्रभावों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि घरेलू स्तर पर रखा गया सोना देश की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन जाए, तो भारत एक बार फिर से 'सोने की चिड़िया' बन सकता है।

भारत में कितना सोना मौजूद है?

भारत में सोना सिर्फ निवेश का साधन ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और परंपरागत रूप से भी बेहद अहम रहा है। भारतीय परिवारों के पास मौजूद 24,000-25,000 टन सोना दुनिया के कई देशों के कुल स्वर्ण भंडार से ज्यादा है।

  • भारतीय महिलाओं के पास लगभग 24,000-25,000 टन सोना है, जो दुनिया के कुल स्वर्ण भंडार का 11% है।
  • मंदिरों में रखा सोना भी 5,000 टन से अधिक बताया जाता है, जो जल्द ही 10,000 टन तक पहुंच सकता है।
  • दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा सोना, जहां अकेले तमिलनाडु के पास 28% हिस्सेदारी है।

दुनिया के कई देशों से ज्यादा है भारत का गोल्ड रिजर्व

अगर हम भारत के पारिवारिक स्वर्ण भंडार की तुलना दुनिया के कुछ शीर्ष देशों से करें, तो यह कहीं अधिक निकलता है।

देश कुल गोल्ड रिजर्व (टन में)
अमेरिका 8,100 टन
जर्मनी 3,300 टन
इटली 2,450 टन
फ्रांस 2,400 टन
रूस 1,900 टन
भारत (घरों और मंदिरों में रखा सोना) 30,000 टन से अधिक

कैसे बन सकता है यह सोना भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा?

वर्तमान में, यह सोना भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं बन पाया है। यदि इसे गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम या अन्य सरकारी उपायों के तहत बैंकों में जमा किया जाए, तो यह देश की वित्तीय ताकत को जबरदस्त रूप से बढ़ा सकता है।

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है, लेकिन अगर घरों में रखा सोना सिस्टम में लाया जाए, तो यह एक्सपोर्टर बनने की दिशा में बढ़ सकता है।
  • गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत अगर लोग अपने घरों में रखा सोना बैंकों में जमा करें, तो इससे देश की विदेशी मुद्रा पर निर्भरता घट सकती है।
  • अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिल सकती है, जिससे भारत की GDP और विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ावा मिलेगा।

दिल्ली में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर

दिल्ली में शुक्रवार को सोना 86,070 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। वहीं, 99.5% शुद्धता वाला सोना 85,670 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रहा। चांदी की कीमतें भी 96,500 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई हैं।

क्या भारत फिर बन सकता है 'सोने की चिड़िया'?

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार और आम जनता साथ मिलकर घरों में रखे सोने को औपचारिक वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बनाएं, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई तक पहुंचा सकता है। वर्तमान में यह सोना सिर्फ व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में रखा हुआ है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह देश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभा सकता है।

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