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Golden Baba: 67 साल के संत ने पहना 6 करोड़ रुपये का सोना, हर आभूषण में छिपी है साधना की गहरी कहानी!

Edited By Mahima,Updated: 18 Jan, 2025 09:37 AM

golden baba 67 year old saint wears gold worth rs 6 crore

प्रयागराज के महाकुंभ में गोल्डन बाबा ने अपनी सोने से सजी आभूषणों की वजह से सभी का ध्यान आकर्षित किया है। 67 वर्षीय एसके नारायण गिरी जी महाराज लगभग 4 किलो सोना पहनते हैं, जिसका मूल्य 6 करोड़ रुपये है। उनका कहना है कि ये आभूषण उनकी साधना और आध्यात्मिक...

नेशनल डेस्क: प्रयागराज के महाकुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करने वाले कई अद्भुत साधु-संतों में एक प्रमुख नाम है, गोल्डन बाबा का। एसके नारायण गिरी जी महाराज, जिन्हें गोल्डन बाबा के नाम से जाना जाता है, इन दिनों कुंभ मेला में चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनका व्यक्तित्व और अनोखा अंदाज श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है। 

गोल्डन बाबा का जन्म केरल में हुआ था, लेकिन वर्तमान में वे दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े से जुड़कर आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत की। गोल्डन बाबा की विशेष पहचान उनके शरीर पर पहने गए सोने के आभूषणों से है। वे लगभग 4 किलो सोना पहनते हैं, जिनकी कीमत लगभग 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है। उनका हर आभूषण, चाहे वह अंगूठी हो, कंगन हो, घड़ी हो या हाथ में सोने की छड़ी, सबमें एक आध्यात्मिक और साधना से जुड़ी हुई गहरी कहानी छिपी हुई है। उनकी छड़ी पर देवी-देवताओं के लॉकेट लगे होते हैं, जो उनके साधना और धार्मिक जीवन का प्रतीक माने जाते हैं।

बाबा का कहना है कि ये आभूषण उनकी साधना से जुड़ी हुई हैं और हर गहने में एक आध्यात्मिक शक्ति समाई हुई है। वे इसे दिखावे के रूप में नहीं पहनते, बल्कि यह उनके आस्थाओं, गुरु के प्रति श्रद्धा और साधना का प्रतीक हैं। उनका मानना है कि ये आभूषण न केवल उनके आध्यात्मिक जीवन का हिस्सा हैं, बल्कि इनकी ऊर्जा उन्हें उच्च साधना की दिशा में प्रेरित करती है। गोल्डन बाबा ने अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत निरंजनी अखाड़े के प्रमुख रवींद्र पुरी महाराज से दीक्षा लेकर की थी। उन्होंने शिक्षा और धर्म के संगम पर जोर दिया है। उनका मानना है कि धर्म और शिक्षा दोनों का सामंजस्य समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। वे धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ समाज के विकास के लिए काम कर रहे हैं और समाज में भक्ति, साधना, और ज्ञान का संदेश फैला रहे हैं।

गोल्डन बाबा का जीवन न केवल एक साधु का जीवन है, बल्कि वह एक प्रेरणा भी है। वे कहते हैं कि साधना के बिना कोई भी आध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं है, और वे अपने आभूषणों के माध्यम से लोगों को यह समझाना चाहते हैं कि हर चीज़ का एक गहरा आध्यात्मिक अर्थ होता है। कुंभ मेला में गोल्डन बाबा की उपस्थिति लोगों को उनके साधना के प्रति आस्था और प्रेरणा देती है। उनके पास छह सोने के लॉकेट हैं, जिनसे लगभग 20 मालाएं बन सकती हैं। उनका मोबाइल भी सोने की परत में ढका हुआ है।

श्रद्धालु उन्हें 'गोल्डन बाबा' के नाम से जानते हैं और उनके पास आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। गोल्डन बाबा का मानना है कि उनका यह सोने से सजा रूप केवल एक भव्यता नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जीवन की ओर संकेत करता है। गोल्डन बाबा की छवि कुंभ मेले में एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, जो न केवल उनके आभूषणों के कारण, बल्कि उनके आध्यात्मिक संदेश और साधना के प्रति प्रतिबद्धता के कारण भी लोगों के दिलों में विशेष स्थान बना चुकी है। उनके व्यक्तित्व में अध्यात्म, भक्ति और साधना का अद्भुत समागम है, जो समाज को एक सकारात्मक दिशा की ओर प्रेरित करता है। 

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