Edited By Rohini Oberoi,Updated: 07 Mar, 2025 08:41 PM
अगर आप नया लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से कर्ज चुका रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 में रेपो रेट (Repo Rate) को 50 से 75 बेसिस प्वाइंट (bps) तक कम कर सकता है। क्रिसिल (CRISIL) की ताजा...
नेशनल डेस्क। अगर आप नया लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से कर्ज चुका रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 में रेपो रेट (Repo Rate) को 50 से 75 बेसिस प्वाइंट (bps) तक कम कर सकता है। क्रिसिल (CRISIL) की ताजा रिपोर्ट में इस बात का अनुमान लगाया गया है। इसका मकसद आम लोगों को राहत देना, खपत बढ़ाना और देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाना है।
रेपो रेट और ब्याज दर में कटौती से क्या होगा फायदा?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब यह दर घटती है तो बैंक भी लोगों को कम ब्याज दर पर लोन देते हैं। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे कर्ज सस्ते हो जाते हैं। इससे लोगों का खर्च करने की क्षमता बढ़ती है जिससे बाजार में मांग बढ़ती है और अर्थव्यवस्था में तेजी आती है।

फरवरी में भी हुई थी कटौती
फरवरी 2025 में RBI ने पांच साल बाद पहली बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी जिससे यह 6.5% से घटकर 6.25% पर आ गया। इससे पहले 2022-23 के दौरान महंगाई रोकने के लिए RBI ने रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी लेकिन अब महंगाई को काबू में रखने के बाद ब्याज दरों को कम करने की योजना बनाई जा रही है ताकि लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़े और निवेश में इजाफा हो।
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महंगाई को 4% के दायरे में लाने की कोशिश
RBI लंबे समय से महंगाई दर को 4% के आसपास लाने की कोशिश कर रहा है। अप्रैल 2023 से रेपो रेट 6.5% पर स्थिर बना हुआ था लेकिन अब नई कटौती से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की योजना है। CRISIL की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार और RBI मिलकर 2025-26 में ब्याज दरों में कटौती करके अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।
ब्याज दर में कटौती से होने वाले बड़े फायदे:
➤ लोन होगा सस्ता – घर, गाड़ी या बिजनेस के लिए कर्ज लेना सस्ता होगा।
➤ खपत और निवेश में बढ़ोतरी – लोग ज्यादा खर्च कर पाएंगे जिससे बाजार में तेजी आएगी।

➤ GDP को मिलेगा सपोर्ट – बाजार में पैसा बढ़ने से देश की जीडीपी ग्रोथ को फायदा होगा।
➤ इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकारी योजनाओं को बढ़ावा – सरकार ने FY26 के लिए पूंजीगत व्यय को 10.1% तक बढ़ाने की योजना बनाई है जिससे नए प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ेगा।
➤ वित्तीय घाटे में कमी – सरकार वित्तीय घाटे को 4.8% से घटाकर 4.4% तक लाने की कोशिश कर रही है जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी।
ग्लोबल रिस्क और भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
हालांकि CRISIL की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताएं भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती हैं। ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता से निर्यात प्रभावित हो सकता है और विदेशी निवेशक जोखिम भरे बाजारों से दूर रह सकते हैं। हालांकि घरेलू मांग और सरकारी नीतियां अर्थव्यवस्था को मजबूती से बनाए रखेंगी।

महंगाई दर में कमी की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष में महंगाई दर में और गिरावट हो सकती है। रबी फसलों की बुवाई 1.5% बढ़ी है जिससे खाद्य आपूर्ति बेहतर होगी। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतें भी कम हो सकती हैं। FY26 में तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल रह सकती हैं जो FY25 के 78-83 डॉलर प्रति बैरल से कम होगी। इससे महंगाई पर और नियंत्रण होगा।
अगर CRISIL की रिपोर्ट सही साबित होती है और RBI 2025-26 में ब्याज दरों में कटौती करता है तो यह आम जनता के लिए बहुत फायदेमंद होगा। इससे लोन सस्ते होंगे बाजार में पैसा बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। हालांकि ग्लोबल परिस्थितियों को देखते हुए सरकार और RBI को सतर्क रहना होगा ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे।