Edited By Radhika,Updated: 19 Feb, 2025 01:42 PM
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अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के नेतृत्व में दो दिन तक बैठक हो रही है। बैठक के दूसरे दिन नृपेंद्र मिश्र ने महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया, जिनमें दर्शन और निकासी मार्ग में सुधार की...
नेशनल डेस्क: अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के नेतृत्व में दो दिन तक बैठक हो रही है। बैठक के दूसरे दिन नृपेंद्र मिश्र ने महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया, जिनमें दर्शन और निकासी मार्ग में सुधार की योजना भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि अब श्रद्धालुओं के लिए जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे दर्शन में सुविधा हो। एंट्री और एग्जिट के रास्तों में बदलाव किया जाएगा ताकि ज्यादा लोग आराम से दर्शन कर सकें। मिश्र ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे मेले की भीड़ कम होगी, सबसे पहले तुलसीदास जी की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा।
राम जन्मभूमि परिसर के 11 नंबर गेट पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जबकि नंबर 3 गेट पर काम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि श्रद्धालु अभी भी उसी रास्ते से बाहर जा रहे हैं। निर्माण समिति ने महाकुंभ में उमड़ी भीड़ के मद्देनज़र दर्शन व्यवस्था को नया रूप देने का फैसला लिया है। अब राम जन्मभूमि के दर्शन और निकासी द्वार को भी बढ़ाया जाएगा। निर्माण समिति के सदस्य आज परिसर के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण करेंगे।
नृपेंद्र मिश्र ने यह भी कहा कि मार्च में राम मंदिर का निर्माण पूरा होने की योजना थी, लेकिन अब यह जून तक पूरा होगा। वहीं, परकोटा का काम सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, शिवलिंग की स्थापना मार्च में पूरी हो जाएगी और राम दरबार की मूर्ति की अंतिम जांच 26 फरवरी को जयपुर में की जाएगी। यदि अनुमति मिलती है, तो राम दरबार की मूर्ति को मार्च तक अयोध्या लाने का प्रयास किया जाएगा।