Edited By Rahul Rana,Updated: 21 Mar, 2025 02:49 PM

देश के इस राज्य में 24 घंटे दुकानें खोलने का आदेश जारी हुआ है। असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने यह आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके बताया कि अब गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और सिलचर में दुकानें 24 घंटे खुली होंगी। श्रमिकों के...
नेशनल डेस्क: देश के इस राज्य में 24 घंटे दुकानें खोलने का आदेश जारी हुआ है। असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने यह आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके बताया कि अब गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और सिलचर में दुकानें 24 घंटे खुली होंगी। श्रमिकों के अधिकारों और सुविधाओं से समझौता किए बिना दुकानें खोली जा सकेंगे, लेकिन यह निर्णय शराब की दुकानों और बार के लिए लागू नहीं है। कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री बिस्वा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें उन्होंने बताया कि उनकी मंत्रिपरिषद ने एक नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत राजधानी गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ और सिलचर शहर में शराब की दुकानों को छोड़कर अन्य दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान 24 घंटे खुले रहेंगे।
शिफ्टों की संख्या भी बढाई गई
मुख्यमंत्री सरमा ने घोषणा की है कि अब असम में दुकानों को 24 घंटे खोला जा सकेगा। इस निर्णय के तहत शहरी इलाकों में दुकानों को सुबह 2 बजे तक खोलने की अनुमति दी जाएगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों को रात 11 बजे तक खोला जा सकेगा। हालांकि, श्रमिकों को अधिकतम 9 घंटे काम करने की अनुमति होगी, लेकिन जो लोग 24 घंटे काम करना चाहते हैं, उन्हें 3 शिफ्टों में काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को लाभ होगा, और शिफ्टों की संख्या बढ़ने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही, असम सरकार ने मोरन समुदाय के लोगों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने का भी निर्णय लिया है।
चाय बगान क्षेत्रों में बनेंगी नई सड़कें
मुख्यमंत्री सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कैबिनेट ने चाय बागान क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए 262 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री गोलाप बोरबोरा की जन्म शताब्दी मनाएगी, जो असम के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। स्वास्थ्य विभाग में स्थायी नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के लिए निर्धारित आयु सीमा भी खत्म कर दी गई है। सरकार ने 50 या उससे अधिक विद्यार्थियों वाले प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद बनाने का फैसला भी किया है।