Edited By Radhika,Updated: 25 Apr, 2025 12:23 PM
EPFO के करोड़ों सदस्यों के लिए खुशखबरी आ सकती है। संसद की एक स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि EPS यानि की Employee Pension Scheme के तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन को 1,000 से बढ़ाकर 7,500 प्रति माह किया जाए।
नेशनल डेस्क : EPFO के करोड़ों सदस्यों के लिए खुशखबरी आ सकती है। संसद की एक स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि EPS यानि की Employee Pension Scheme के तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन को 1,000 से बढ़ाकर 7,500 प्रति माह किया जाए। यह सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी गई है।
क्या है मामला?
2014 में सरकार ने EPS की मिनिमम पेंशन को ₹250 से बढ़ाकर ₹1,000 प्रति माह किया था। उसके बाद से अब तक कोई बदलाव नहीं किया गया है।

क्या कहते हैं पेंशनर्स और ट्रेड यूनियन?
पेंशनर्स और ट्रेड यूनियन लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि EPS की न्यूनतम पेंशन को कम से कम 7,500 रुपए प्रति माह किया जाए। उनका कहना है कि मौजूदा पेंशन से जीवन गुज़ारना बहुत मुश्किल हो गया है, खासकर बढ़ती महंगाई को देखते हुए।
समिति की सिफारिशें क्या हैं?
- संसद की लेबर कमेटी ने EPS के तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की सिफारिश की है।
- समिति ने सरकार से कहा है कि वित्तीय प्रभाव का अध्ययन करते हुए इस पर ठोस कदम उठाया जाए।
- साथ ही, EPS योजना का थर्ड पार्टी वैल्यूएशन साल 2025 के अंत तक पूरा करने को कहा गया है।
EPS में कटौती कैसे होती है?
- कर्मचारी की बेसिक सैलरी से 12% EPF में जाता है।
- कंपनी भी उतनी ही राशि जमा करती है।
- इस कंपनी द्वारा जमा किए गए हिस्से में से 8.33% EPS में और 3.67% EPF में जाता है।