Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Mar, 2025 06:47 PM
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने होली से पहले एक अहम निर्णय लिया है, जिससे राज्य की हजारों सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा कार्यकर्ताओं) को बड़ा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए ग्रेच्युटी, वेतन सहित मातृत्व...
नेशनल डेस्क: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने होली से पहले एक अहम निर्णय लिया है, जिससे राज्य की हजारों सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा कार्यकर्ताओं) को बड़ा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए ग्रेच्युटी, वेतन सहित मातृत्व अवकाश और सेवानिवृत्ति की आयु में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। यह फैसला करीब 42,752 कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आशा कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी, वेतन सहित मातृत्व अवकाश, और सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का आदेश दिया है। यह फैसले उन कार्यकर्ताओं के लिए हैं जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और समुदाय के बीच स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने का काम करते हैं। सरकार के इस निर्णय से 42,752 कार्यकर्ताओं को लाभ मिलेगा और यह उनके जीवन स्तर में सुधार करेगा।
ग्रेच्युटी और मातृत्व अवकाश में विस्तार
मुख्यमंत्री ने आशा कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी देने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है। अब, जो कार्यकर्ता 30 साल की सेवा पूरी करेंगी, उन्हें 1.5 लाख रुपये का सेवानिवृत्ति लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, कार्यकर्ताओं के लिए मातृत्व अवकाश को भी बढ़ा दिया गया है। अब उन्हें पहले दो प्रसवों के लिए 180 दिनों का वेतन सहित मातृत्व अवकाश मिलेगा। यह कदम उनके स्वास्थ्य और परिवार की भलाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आशा कार्यकर्ताओं की सेवानिवृत्ति आयु को 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर दिया है। यह निर्णय कार्यकर्ताओं को अधिक समय तक काम करने का अवसर देगा और उनके वित्तीय सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। इस बदलाव से यह कार्यकर्ता अपने कार्यकाल को और बढ़ा सकती हैं, जिससे उनका अनुभव और योगदान अधिक प्रभावी रहेगा।
केंद्रीय मंत्री का आश्वासन
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने भी आश्वासन दिया है कि आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केरल में आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और उनका पूरा समर्थन इन कार्यकर्ताओं के साथ है। मंत्री ने कहा कि अगर आशा कार्यकर्ता असुरक्षा महसूस करती हैं, तो वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से उठाएंगे।
मुख्यमंत्री के फैसले से होगी खुशहाली
आंध्र प्रदेश सरकार के इस फैसले से ना सिर्फ आशा कार्यकर्ताओं की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि इससे राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को भी प्रेरणा मिलेगी। इस फैसले से यह संदेश जाएगा कि सरकार समाज के हर वर्ग के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और स्वास्थ्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत को सही मान्यता दे रही है।