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खुशखबरी! सस्ती हो गई शाकाहारी थाली, नॉनवेज खाने वालों को जेब करनी होगी ढीली

Edited By Pardeep,Updated: 11 Mar, 2025 06:29 AM

good news vegetarian thali has become cheaper

फरवरी में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में मासिक आधार पर पांच प्रतिशत की कमी आई है। इसका कारण सब्जी और ब्रॉयलर की कीमतों में कमी है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने अपनी मासिक ‘रोटी चावल कीमत' रिपोर्ट में कहा कि ताजा आवक के बीच...

नई दिल्लीः फरवरी में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में मासिक आधार पर पांच प्रतिशत की कमी आई है। इसका कारण सब्जी और ब्रॉयलर की कीमतों में कमी है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने अपनी मासिक ‘रोटी चावल कीमत' रिपोर्ट में कहा कि ताजा आवक के बीच प्याज, आलू और टमाटर की कीमतों में क्रमशः सात प्रतिशत, 17 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की गिरावट आई है। 

इसके अलावा, दक्षिण भारत में ‘बर्ड फ्लू' की आशंका के बीच कम मांग के कारण ब्रॉयलर की कीमतों में भी लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट आई है। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक (शोध) पी शर्मा ने कहा, ‘‘शाकाहारी थाली के मूल्य में गिरावट सब्जियों, विशेष रूप से प्याज, टमाटर और आलू की कम कीमतों में नरमी के कारण आई। वहीं मांसाहारी थाली के मामले में ब्रॉयलर की कीमतों में कमी के कारण कीमत घटी है।'' 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना आधार पर, घर में पकाई गई शाकाहारी थाली की लागत फरवरी में एक प्रतिशत कम हुई, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत में लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसमें कहा गया है कि शाकाहारी थाली की कीमत में सालाना आधार पर गिरावट टमाटर और एलपीजी (रसोई गैस) सिलेंडर के दाम में गिरावट के कारण हुई। टमाटर की कीमत सालाना आधार पर 28 प्रतिशत घटकर 23 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले 32 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसका कारण आवक में 20 प्रतिशत की वृद्धि है। 

मांसाहारी थाली की लागत में वृद्धि ब्रॉयलर की कीमत में अनुमानित 15 प्रतिशत सालाना वृद्धि के कारण हुई। मांसाहारी थाली की लागत में ब्रॉयलर की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है। इसकी कीमत में उछाल पिछले साल के कम तुलनात्मक आधार की वजह से है। उस समय अधिक आपूर्ति के कारण कीमत में गिरावट आई थी। रिपोर्ट के अनुसार, मक्का की कीमत में छह प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी के कारण चारे की बढ़ी हुई कीमत ने भी बढ़ोतरी में योगदान दिया।

क्रिसिल ने कहा कि घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित कच्चे माल की कीमत के आधार पर की जाती है। मासिक बदलाव आम आदमी के खर्च पर पड़ने वाले असर को बताता है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने वाले सामान (अनाज, दाल, ब्रॉयलर, सब्जी, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस) क्या-क्या हैं। 

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