FASTag को अलविदा ? भारत में शुरू हुआ नया सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम

Edited By Mahima,Updated: 18 Sep, 2024 11:33 AM

goodbye to fastag new satellite based toll collection launched

FASTag के दौर के अंत की ओर बढ़ते हुए, भारतीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में एक नई सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन प्रणाली को मंजूरी दी है। इस नए सिस्टम की मदद से, वाहन चालकों को टोल गेट्स पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नेशनल डेस्क: FASTag के दौर के अंत की ओर बढ़ते हुए, भारतीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में एक नई सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन प्रणाली को मंजूरी दी है। इस नए सिस्टम की मदद से, वाहन चालकों को टोल गेट्स पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह प्रणाली जीपीएस तकनीक का उपयोग कर टोल वसूली को पूरी तरह से ऑटोमेटिक बनाएगी।

सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम क्या है?
सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम के तहत, वाहन में लगे सैटेलाइट ट्रैकिंग डिवाइस के माध्यम से टोल शुल्क का ऑटोमैटिक भुगतान किया जाएगा। इस नई प्रणाली के आने के बाद, टोल गेट्स पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे यातायात की गति में सुधार होगा और समय की बचत होगी। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि FASTag को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा या दोनों सिस्टम समानांतर चलेंगे।

FASTag की तुलना में तेज और सरल
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम FASTag की तुलना में कहीं अधिक तेजी से कार्य करेगा। इससे वाहन चालकों को अधिक आराम और सुविधा मिलेगी, और टोल वसूली प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी से बचा जा सकेगा।

20 किलोमीटर का मुफ्त सफर
नए नियम के तहत, यदि कोई वाहन हाईवे, एक्सप्रेसवे, टनल, या ब्रिज पर 20 किलोमीटर तक यात्रा करता है, तो इस दौरान टोल शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि यात्रा की दूरी 20 किलोमीटर से अधिक होती है, तो शुल्क का निर्धारण नियमों के आधार पर किया जाएगा।

FASTag और RFID सिस्टम
वर्तमान में इस्तेमाल होने वाला FASTag सिस्टम RFID टैग्स पर आधारित है, जो टोल गेट्स पर स्कैन होते ही संबंधित अकाउंट से ऑटोमैटिक पेमेंट कर देता है। लेकिन, नए सैटेलाइट सिस्टम के आने के बाद, यह देखने की बात होगी कि FASTag सिस्टम को कितनी जल्दी पूरी तरह से बदल दिया जाएगा।

डबल टोल वसूली का नियम
यदि FASTag काम नहीं करता या ब्लॉक हो जाता है, तो टोल गेट्स पर कैश पेमेंट के रूप में डबल टोल टैक्स लिया जाता है। सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम में भी एक ऐसा नियम होगा, जिसमें GPS के बिना वाहन के लिए अलग से लेन होगी, और उस लेन में प्रवेश करने पर दोगुना टोल वसूला जाएगा। नए सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम के लागू होने से सड़क यात्रा को आसान और अधिक सुविधाजनक बनाने की उम्मीद है। इस प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वाहन मालिकों को संबंधित विभाग से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!